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लखनऊ में अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी तय, नगर आयुक्त ने लंबे समय से चल रहा विवाद किया खत्म

लखनऊ नगर निगम में अवैध कब्जों को लेकर चल रही रार पर आखिरकार विराम लग गया है। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने जोनल अधिकारी और नगर अभियंता की अतिक्रमण हटाने की अलग-अलग जिम्मेदारी तय कर दी है। अब नगर अभियंता पक्के निर्माण को हटाएंगे जबकि जोनल अधिकारी अस्थायी अतिक्रमण हटाएंगे। तमाम शासनादेशों का जिक्र करते हुए नगर आयुक्त की तरफ से विस्तृत आदेश जारी कर दिया गया है।

By Ajay Srivastava Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 21 Sep 2024 07:03 PM (IST)
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लखनऊ में अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी तय - प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। अवैध कब्जों को लेकर नगर निगम में अधिकारियों के बीच चल रही रार पर नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने विराम लगा दिया है। अभी तक जोनल अधिकारी और नगर अभियंता अतिक्रमण हटाने को लेकर एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालते थे और दोनों के बीच झड़प तक हो जाती थी। इससे अतिक्रमण तो बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ इसकी आड़ में धनउगाही भी हो रही है। हर दिन अतिक्रमण हटाने के नाम पर डीजल की भी चोरी होती है।

अब जोनल अधिकारी और नगर अभियंता की अतिक्रमण हटाने की अलग-अलग जिम्मेदारी तय कर दी गई है। तमाम शासनादेशों का जिक्र करते हुए नगर आयुक्त की तरफ से विस्तृत आदेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक भूमि अतिक्रमण एवं निर्माण के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा 26 में प्रावधान किया गया है।

इसी तरह उत्तर प्रदेश नगर निगम 1959 की धारा 521 के अधीन सामानों को हटाने जाने के संबंध में व्यय की वसूली की व्यवस्था है। उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा-215 व 220 के तहत अतिक्रमण हटाने और इसके अंतर्गत व्यय वसूलने का अधिकार है।

अब नगर निगम क्षेत्र में सड़क व फुटपाथ व नाली और नालों चौराहों, डिवाइडरों,पार्कों, ग्रीन बेल्ट व अन्य सार्वजनिक जगहों पर किए गए पक्के निर्माण को हटाने की कार्रवाई जोन के नगर अभियंता करेंगे, जो नोटिस देने के बाद अधिनियमों की धाराओं के तहत कार्रवाई करेंगे।

नगर अभियंता ही व्यय भी वसूलेंगे। अस्थायी प्रवृत्ति के अतिक्रमण में सड़क की पटरी, नाला, नाली पर गार्डन बनाकर, अस्थायी बाजार, दुकान बनाकर, गुमटी रखकर, अस्थायी कमरा, प्लेटफार्म बनाने वाले को नोटिस जारी करने के बाद उसे हटाने का जिम्मा जोनल अधिकारियों का होगा। अतिक्रमण हटाने के बाद उसकी जानकारी थाने की पंजिका में दर्ज करानी होगी।

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