यूपी में विपक्ष का सूपड़ा साफ करेगी भाजपा? मोदी सरकार ने खेला मास्टर स्ट्रोक; पश्चिमी यूपी की जाट बेल्ट में राह होगी आसान
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को ‘भारत रत्न’ सम्मान देने की घोषणा कर मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में विपक्ष का सूपड़ा साफ करने के अपने इरादे की ओर दृढ़ता से कदम बढ़ा दिए हैं। कृषि प्रधान उप्र में ‘किसानों के मसीहा’ को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का इरादा जताकर भाजपा ने बड़े वर्ग का भावनात्मक समर्थन हासिल करने के लिए झोली फैला दी है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को ‘भारत रत्न’ सम्मान देने की घोषणा कर मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में विपक्ष का सूपड़ा साफ करने के अपने इरादे की ओर दृढ़ता से कदम बढ़ा दिए हैं।
कृषि प्रधान उत्तर प्रदेश में ‘किसानों के मसीहा’ को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का इरादा जताकर भाजपा ने अन्नदाताओं के बड़े वर्ग का भावनात्मक समर्थन हासिल करने के लिए अपनी झोली फैला दी है। वहीं इस मास्टर स्ट्रोक से उत्तर प्रदेश में पहले ही लड़खड़ा रहे आइएनडीआइए गठबंधन की नाभि में तीर मार दिया है।
चुनावी वेला में दिवंगत किसान नेता को सम्मान देने का एलान कर भाजपा ने चुनौती पेश कर रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जाट बेल्ट में अपनी राह आसान कर ली है। भाजपा को इसका लाभ हरियाणा और राजस्थान जैसे पड़ोसी राज्यों में भी मिलने की उम्मीद है।
हारी हुई 14 सीटों को जीतने के लिए जोर लगा रही भाजपा
भाजपा हारी हुई जिन 14 लोकसभा सीटों को जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है, उनमें सात पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हैं और इतनी ही पूर्वांचल की। पश्चिमी यूपी में भाजपा की हारी लोकसभा सीटों में बिजनौर, नगीना, सहारनपुर, अमरोहा, संभल, मुरादाबाद व मैनपुरी शामिल हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव में हारी रामपुर सीट को भाजपा ने उपचुनाव में जीत लिया है। सुभासपा को एनडीए और पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान को अपने खेमे में शामिल कर पूरब में सामाजिक समीकरण मजबूत करने में जुटी अब पश्चिमी उप्र में अपना कील कांटा दुरुस्त करना चाहती थी। इस बार जहां सपा और बसपा अलग-अलग लोकसभा चुनाव लड़ेंगी, वहीं चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न सम्मान देने की घोषणा कर भाजपा सरकार ने सपा-रालोद एका में भी भांजी मार दी है।
जयन्त ने दिए संकेत
रालोद के एनडीए में शामिल होने की घोषणा अब महज औपचारिकता रह गई है। जयन्त चौधरी खुद इसके संकेत दे चुके हैं। तीसरी पीढ़ी में भी जाट बिरादरी के सर चढ़कर बोलने वाला चौधरी परिवार का जादू पश्चिम में भाजपा के लिए चुनौती पेश करने वाली सीटों पर भाजपा के लिए कमल खिलाने में मददगार होगा।
मुसलमानों के बीच चौधरी चरण सिंह की स्वीकार्यता भी मुस्लिम बहुल पश्चिमी उप्र में भाजपा को संबल दे सकती है। भाजपा ने संगठनात्मक दृष्टि से प्रदेश को जिन छह क्षेत्रों में बांटा है, उनमें पश्चिम क्षेत्र में कुल 19 सीटे हैं।
गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में सपा, बसपा के साथ गठबंधन में रालोद तीन सीटों पर लड़ी थी लेकिन सफलता उससे दूर रही। वहीं 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन में उसे आठ सीटों पर सफलता मिली थी।
जाट बिरादरी को साधने के लिए भूपेन्द्र चौधरी को बनाया गया प्रदेश अध्यक्ष
रालोद के प्रभाव को कम करने के लिए ही भाजपा ने जाट बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले भूपेन्द्र सिंह चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। इसके बावजूद मुजफ्फरनगर की विधान सभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को रालोद से शिकस्त मिली थी।
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भी सपा ने रालोद को सात सीटें दी थीं लेकिन सूत्रों के अनुसार सात में से तीन सीटों-मुजफ्फरनगर, बिजनौर और कैराना में सपा रालोद प्रत्याशियों को अपने सिंबल पर चुनाव लड़ाना चाहती थी। यही बात रालोद को खटक रही थी। लिहाजा भाजपा ने रालोद के लिए बाहें पसार दीं।
सूत्रों के अनुसार भाजपा ने रालोद को दो लोकसभा सीटों के अलावा राज्यसभा की एक और उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की एक सीट देने की पेशकश की है। इसके अलावा रालोद को योगी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
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