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UPPCL: यूपी में महंगी या सस्ती होगी बिजली? विद्युत नियामक आयोग की राज्य सलाहकार समिति ने स्पष्ट किया रुख

UPPCL उत्तर प्रदेश में बिजली सस्ती होगी या महंगी ? इसको लेकर विद्युत नियामक आयोग की राज्य सलाहकार समिती ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। प्रदेश में इस साल भी बिजली महंगी नहीं होगी बल्कि मौजूदा बिजली दरों में कमी पर आयोग विचार कर सकता है। जानकारी के मुताबिक बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का लगभग 33122 करोड़ रुपये सरप्लस निकल रहा है।

By Manoj Kumar Tripathi Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 18 Aug 2024 09:49 AM (IST)
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महंगी नहीं प्रदेश में सस्ती हो सकती है बिजली
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विद्युत नियामक आयोग की राज्य सलाहकार समिति के रुख से साफ है इस बार भी बिजली महंगी नहीं होगी। बिजली की मौजूदा दरों में कमी करने पर आयोग जरूर विचार कर सकता है। समिति की पिछले दिनों हुई बैठक की कार्यवृत्त देख अनुमान लगाया जा रहा है कि बिजली की दरों में पांच से आठ प्रतिशत की कटौती की जा सकती है। कारण है कि बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का लगभग 33,122 करोड़ रुपये सरप्लस निकल रहा है।

समिति के सदस्य व उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि समिति की बैठक में सरप्लस की बात उठाते हुए बिजली की दरों को कम करने संबंधी प्रस्ताव रखा गया था। बैठक की कार्यवृत्त में इसका जिक्र किया गया है। ऐसे में बिजली की दरों में लगातार पांचवें वर्ष भी बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है।

सितंबर तक जारी हो सकते हैं आदेश

बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं की बकाया राशि को समाहित करने के लिए बिजली की दरों में एकमुश्त 40 प्रतिशत की कमी न करते हुए प्रति वर्ष पांच से आठ प्रतिशत की कमी की जा सकती है। जानकारों के मुताबिक आयोग अगस्त अंत तक या फिर सितंबर के पहले सप्ताह में बिजली की दरों के संबंध में आदेश कर सकता है।

बैठक में नोएडा पावर कंपनी की बिजली की दरों में 10 प्रतिशत की कमी बनाए रखने की बात भी कही गई। लखनऊ मेट्रो के संचालन में 40 प्रतिशत का बजट बिजली पर खर्च होने का जिक्र करते हुए अन्य राज्यों की तरह दरें घटाने की बात कही गई।

जल्द निर्णय लेगी कैबिनेट

नोएडा पावर कंपनी के डाटा सेंटर को एचवी-2 श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव पर समिति को बताया गया कि इस संबंध में राज्य कैबिनेट जल्द ही निर्णय लेगी। वैसे तो बैठक में मत्स्य पालन को कृषि की तरह बिजली में छूट देने की बात भी उठाई गई थी लेकिन उसे इस तर्क के साथ खारिज कर दिया गया कि मत्स्य पालन व्यवसायिक गतिविधि है। बैठक में यूपीएसएलडीसी (उत्तर प्रदेश स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर) को स्वतंत्र यूनिट बनाने की बात भी उठाई गई।

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