Move to Jagran APP

यूपी में बढ़ेंगी बिजली दरें? UPPCL और विद्युत नियामक आयोग में मतभेद, एक-दो दिन में होगा एलान

उत्तर प्रदेश में बिजली दरों को लेकर बड़ा फैसला होने वाला है। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने दरों को अंतिम रूप दे दिया है लेकिन आयोग बिजली की दरें बढ़ाने के बजाय यथावत रख सकता है। हालांकि उपभोक्ता परिषद का कहना है कि जब उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 33122 करोड़ रुपये सरप्लस निकल रहा है तब बिजली की मौजूदा दरों में कमी की जाए।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 10 Oct 2024 09:08 AM (IST)
Hero Image
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बिजली की नई दरों की घोषणा एक-दो दिन में हो जाएगी। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने दरों को अंतिम रूप दे दिया है। आयोग बिजली की दरें बढ़ाने के बजाय यथावत रख सकता है।

हालांकि, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का कहना है कि जब उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 33,122 करोड़ रुपये सरप्लस निकल रहा है तब बिजली की मौजूदा दरों में कमी की जाए।

आयोग ने नहीं जारी किया आदेश

विद्युत अधिनियम 2003 के तहत बिजली कंपनियों की तरफ से दाखिल एआरआर (वार्षिक राजस्व आवश्यकता) प्रस्ताव के 10 जून को स्वीकारने से 120 दिनों के अंदर नियामक आयोग को आठ अक्टूबर तक बिजली की नई दरें घोषित कर देनी चाहिए थी लेकिन आयोग द्वारा बुधवार को भी इस संबंध में आदेश नहीं किया गया।

सूत्रों का कहना है कि दरों को अंतिम रूप दे चुका आयोग एक-दो दिन में ही नई दरों की घोषणा कर देगा। सूत्र बताते हैं कि उपभोक्ताओं के बिजली कंपनियों पर निकल रहे सरप्लस के मद्देनजर लगातार पांचवें वर्ष भी बिजली की दरें यथावत रहने की ही ज्यादा उम्मीद है।

उपभोक्ता परिषद कर रहा बिजली दरों में कमी की मांग

सरप्लस के एवज में उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा तो कानून का हवाला देकर बिजली की दरों में कमी किए जाने की लगातार मांग कर रहे हैं। वर्मा का कहना है कि पावर कारपोरेशन प्रबंधन नहीं चाहता है कि बिजली की दरें घटे इसलिए सरकार हस्तक्षेप करे और उपभोक्ताओं को राहत दे।

बिजली बिल वसूली में पिछड़े बुलंदशहर के एसई व मेरठ के एसडीओ निलंबित

विद्युत बिलों को उपभोक्ताओं तक समय से पहुंचाने के साथ ही बिजली चोरी रोकने के लिए भी सरकार गंभीर है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने कम राजस्व वसूली, बिजली चोरी के चलते तकनीकी व वाणिज्यिक हानियों के लिए दोषी बुलंदशहर के अधीक्षण अभियंता (एसई) रविन्द्र बाबू और मेरठ के एसडीओ को निलंबित करने के निर्देश दिए।

गोयल ने खराब प्रदर्शन के लिए कई मुख्य अभियंताओं व अधीक्षण अभियंताओं को भी कड़ी फटकार लगाई। अध्यक्ष ने स्पष्ट तौर पर कहा कि यदि विद्युत वितरण के अधीक्षण अभियंताओं के कामकाज में सुधार न हुआ तो सभी को फील्ड से हटा देंगे। 

उन्हें पावर कारपोरेशन व डिस्काम से संबद्ध कर दिया जाएगा। विद्युत व्यवस्था की समीक्षा बैठक में गोयल ने कहा कि सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बेहतर रहे। स्थानीय गड़बड़ी को कम से कम समय में ठीक किया जाये।

इसे भी पढ़ें: भाजपा विधायक को थप्पड़ मारे जाने पर शिवपाल यादव ने कसा तंज, बोले- सत्ता पक्ष के विधायक भी सुरक्षित नहीं

इसे भी पढ़ें: जुलूस निकाल कर देश विरोधी नारे लगाने पर आसपा नेता समेत 60 पर मुकदमा, यति नरसिंहानंद के बयान पर विरोध जारी

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें