ठंड लोगों के जीवन को प्रभावित कर रही है। सांस और दिल के मरीजों को तो काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सक की तरफ से सलाह दी जाती है कि सुबह आठ बजे से पहले टहलने से परहेज करें। रोजाना करीब 30 मिनट धूप में बैठें। अगर हाई बीपी के मरीज हैं तो नियमित दवा लें ।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। अगर आप दिल के मरीज हैं और अस्थमा की भी परेशानी है तो सावधान रहें। सर्दी और कोहरा का यह मौसम दोनों ही तरह के रोगियों के लिए ठीक नहीं है। विशेषज्ञों की सलाह है हार्ट और सांस के मरीज ठंड से बचाव करें।
सुबह आठ बजे से पहले सैर के लिए कतई न निकलें।
कम से कम तीन लेयर में गर्म कपड़े पहनें। अपने डाक्टर के संपर्क में रहें।
सुबह टहलने से बचें, बीपी की नियमित दवा लें
लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में कार्डियोलाजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. भुवन चंद्र तिवारी ने बताया कि सुबह टहलना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, लेकिन सर्दी के मौसम में खासकर कोहरा होने पर बाहर निकलने से बचें।
यह ह्रदय रोगियों के लिए घातक हो सकता है। ठंड में सुबह के समय शरीर में कैटाकोलामीन नामक तरल पदार्थ बढ़ जाता है। ऐसे में हार्ट अटैक की संभावना अधिक होती है। इसलिए सुबह आठ बजे से पहले टहलने से परहेज करें। रोजाना करीब 30 मिनट धूप में बैठें। अगर हाई बीपी के मरीज हैं तो नियमित दवा लें।
डाक्टर के संपर्क में रहें
समय-समय पर अपने डाक्टर के संपर्क में रहें। प्रो. तिवारी के मुताबिक, अगर किसी जरूरी कम से बाहर निकल रहे हैं तो ठंड से बचाव के सभी इंतजाम करें। ऐसे मौसम में खानपान का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। हरी सब्जियों के साथ फल का सेवन करें। बाजार की खुली वस्तुओं से दूरी बनाएं। धूमपान न करें। पिछले एक सप्ताह से ओपीडी में भी दिल के मरीजों की संख्या में तेज बढ़ोत्तरी हुई है।
मास्क लगाकर ही निकलें सांस रोगी
केजीएमयू में रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के प्रो. आरएएस कुशवाहा ने कहा कि ठंड का मौसम शुरू होते ही सांस रोगियों को अलर्ट हो जाना चाहिए। खासकर, कोहरा ऐसे रोगियों के लिए घातक हो सकता है। इसलिए सुबह-शाम हाथ पैर की सिकाई करें। गर्मी पानी पीएं और गुनगुने पानी से ही नहाएं।
सावधानी भी जरूरी
हीटर या ब्लोअर का इस्तेमाल बंद कमरे में कतई न करें।
यह खतरनाक हो सकता है। खिड़की या दरवाजा खोलकर ही हीटर-ब्लोअर चलाएं। मास्क लगाकर ही बाहर निकलें। सांस के मरीजों को इन्हेलर का नियमित इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि यह एकमात्र दवा है, जिससे अस्थमा को नियंत्रित रखा जा सकता है।
घर पर ही सांस की एक्सरसाइज करें। फास्ट-फूड का सेवन और ठंडी वस्तुओं का सेवन खतरनाक साबित हो सकता है। ओपीडी में पिछले दस दिनों में अस्थमा के मरीजों की संख्या करीब 60 प्रतिशत तक बढ़ी है।
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