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यूपी की जेल में महिला बंदी पति संग मनाएंगी Karva Chauth, राशी के अनुरूप पूजन से मिलेगा विशेष फल

करवा चौथ (Karva Chauth 2024) का त्योहार पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना का प्रतीक है। इस दिन सुहागिनें निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलती हैं। इस साल करवा चौथ 13 अक्टूबर रविवार को मनाया जाएगा। जानिए इस दिन के महत्व पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में ।

By Ashish Kumar Trivedi Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 19 Oct 2024 04:38 PM (IST)
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पति की लंबी उम्र की कामना का पर्व करवा चौथ कल
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। जेल में बंद महिला बंदी करवा चौथ अपने पति के साथ मनाएंगी। रविवार को बंदी गृह में करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिला बंदियों के पतियों को आने की इजाजत दी जाएगी। वहीं पुरुष बंदियों के पास उनकी पत्नियां भी पूजन के लिए इस दिन आ सकेंगी।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डा. बबीता सिंह चौहान की ओर से शुक्रवार को सभी जिलों के डीएम को पत्र जारी कर इस व्यवस्था को लागू कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने यह भी आदेश दिए हैं कि किसी महिला या पुरुष बंदी को परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए बंदी गृहों में बेहतर व्यवस्था की जाए।

पति की लंबी उम्र की कामना का पर्व करवा चौथ कल

पति की दीर्घायु और सुख समृद्धि की कामना का पर्व करवा चौथ रविवार को है। इस दिन सुहागिनें निर्जला व्रत रखेंगी। सुहागिन चांद देखकर पूजन कर भगवान से अखंड सौभाग्य की कामना करेंगी। महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत के साथ चांद के दीदार का इंतजार करेंगी। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि राशियों के अनुरूप पुष्प के रंग के अनुसार सुहागिनें पूजन करें तो विशेष फल मिलेगा।

  • मेष : गहरे लाल रंग का गुड़हल या गुलाब अर्पित करें।
  • बृषभ : पीले गेंदे का पुष्प या गुलाब का फूल चढ़ाएं।
  • मिथुन : हल्के हरे रंग के या पत्ती युक्त पुष्प से आराधना करें।
  • कर्क : सफेद फूल या चावल चढ़ाएं।
  • सिंह : लाल फूल अर्पित करें।
  • कन्या : पत्तीयुक्त किसी पुष्प से पूजन करें।
  • तुला : सफेद फूल ले लें।
  • वृश्चिक : भूरे रंग या गहरे लाल रंग का पुष्प चढ़ाएं।
  • धनु : पीले रंग के गेंदे का फूल।
  • मकर : हल्के नीले रंग का फूल हो।
  • कुंभ : नील कमल चढ़ाएं।
  • मीन : पीले या गुलाबी पुष्प से पूजन करें।

शाम 7:42 बजे चंद्रोदय

आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि रविवार को शाम 7:42 बजे चंद्रोदय होगा। पूजन के स्थान को गाय के गोबर से लीपकर और स्वास्तिक बनाकर पूजन करना चाहिए। चंद्रोदय के एक घड़ी (24 मिनट) के भीतर ही चंद्र देव को अर्घ्य देकर और गौरी गणेश का पूजन कर चौथ माई के व्रत का पारण कर लेना उत्तम होगा।

धातु व मिट्टी के करवे से करें पूजन आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि धातु से बने करवे से चौथ का पूजन करना फलदायी होता है, लेकिन यथा शक्ति मिट्टी के करवे से पूजन भी किया जा सकता है। मान्यता है कि इस दिन के बाद से ही ठंड शुरू हो जाती है।

कहा जाता है कि करवे की टोंटी से ही जाड़ा निकलता है और धीरे-धीरे वातावरण में ठंड का एहसास बढ़ जाता है। करवे से पटा बाजार आलमबाग बाजार में पूजन सामग्री व सुहाग के सामानों के साथ ही डिजाइनर करवे भी मौजूद हैं।

चांदी के करवे के साथ ही सोने के पानी चढ़े करवे भी बाजार में मौजूद है। कम रेंज में आकर्षक आभूषण महिलाओं को रास आएंगे। चूरा, लावा के साथ ही खिलौने भी बाजार में मौजूद हैं। मेंहदी लगवाने के साथ ही ब्यूटी पार्लर की दुकानें भी तैयार हैं। साड़ियों की दुकानों पर भी भीड़ है।

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