Lucknow: लखनऊ में अवैध फैक्ट्री में लगी भीषण आग, ताबड़तोड़ धमाके-जिंदा जला मजदूर
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पारा क्षेत्र में चल रही अवैध फैक्ट्री में मंगलवार देर शाम भीषण आग लग गई। पारा पुलिस के संरक्षण में सलेमपुर पतौरा घनी बस्ती में घर के अंदर चल रही थी फैक्ट्री। धमाकों से दहला पूरा इलाका।
By Anurag GuptaEdited By: Updated: Tue, 20 Sep 2022 11:39 PM (IST)
लखनऊ, जागरण टीम। लेवाना होटल में हुए भीषण अग्निकांड के बाद भी पुलिस और दमकल विभाग के अधिकारी अवैध रूप से शहर में चल रही फैक्ट्रियों और प्रतिष्ठानों पर लगाम नहीं कस पा रहे हैं। पुलिस, दमकल और प्रशासन के अधिकारियों की नाकामी से मंगलवार देर शाम पारा के सलेमपुर पतौरा में तारपीन के फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। अग्निकांड के दौरान केमिकल के ड्रम फटने से हुए ताबड़तोड़ धमाकों से इलाके में दहशत फैल गई। इस बीच दौरान फैक्ट्री के अंदर आग की लपटों में घिरकर उन्नाव जनपद के औरास में रहने वाले 40 वर्षीय मजदूर सुशील कुमार शर्मा की जिंदा जलकर मौत हो गई।
घटना के बाद फैक्ट्री संचालक मौके से फरार हो गया। आक्रोशित स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा बवाल किया। मृतक आश्रित परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग कर जमकर हंगामा किया। बवाल की सूचना पर जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार और अन्य अधिकारी पहुंचे। उन्होंने मृतक आश्रित परिवार को पांच लाख रुपये के मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पारा पुलिस के संरक्षण में सालों से घनी बस्ती के बीच फैक्ट्री चल रही थी। मंगलवार शाम एकाएक फैक्ट्री से आग की लपटें निकलती देख आस पड़ोस के लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। घटना के समय फैक्ट्री संचालक पंकज दीक्षित दूसरे तल पर स्थित अपने घर में था। एकाएक आग की लपटें निकलती देख वह भाग निकला। वहीं, आस पड़ोस के लोगों ने पानी फेंककर आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू कर दिया। आग बेकाबू होते देख लोगों ने दमकल को सूचना दी। इस बीच आग और भयावह हो उठी। फैक्ट्री के अंदर रखे केमिकल से भरे ड्रम ताबड़तोड़ धमाकों के साथ फटने लगे।
मोहल्ले में अफरा-तफरी मच गई। दमकल कर्मी पहुंचे। इस बीच दमकल कर्मियों को पता चला कि अंदर मजदूर फंसा है। दमकल कर्मी पीछे के रास्ते से सीढ़ी लगाकर फैक्ट्री के अंदर दाखिल हुए। फैक्ट्री के अंदर दाखिल हुए। कड़ी मशक्कत के बाद मजदूर सुशील को निकलाकर बाहर लाए। सुशील को अस्पताल भेजा गया। जहां, डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उधर, दमकल कर्मियों ने चार से पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया।
सुशील की पत्नी अर्चना ने बताया कि पति दिन में नाई का काम करते थे। फिर शाम छह से 11 बजे रात तक फैक्ट्री में काम करते थे। परिवार में दो बच्चे हैं। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस के संरक्षण में फैक्ट्री चल रही थी। पारा पुलिस को जानकारी थी इस बारे में। कई बार शिकायत पर फैक्ट्री संचालक पंकज दीक्षित को पकड़ा भी उसके बाद छोड़ दिया। पंकज घर के भूतल पर फैक्ट्री चलाता था। पहले पर भी फैक्ट्री का कुछ सामान और गोदाम था। वहीं, दूसरे तल पर वह खुद रहता था।
जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि मृतक आश्रित परिवार को पांच लाख रुपये का मुआवाजे की संस्तुति की गई है। इसके अलावा फैक्ट्री संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। मृतक मजदूर की पत्नी की ओर से जिलाधिकारी न्यायालय में मुकदमा चलेगा। परिवार को और दुर्घटना व अन्य मदों में अधिक से अधिक आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा मामले में जो भी अफसर दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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