World Breastfeeding Week 2022: एक बार में एक स्तन से कराएं स्तनपान, शिशु को मिलेगा पूरा पोषण- डा. अरविंद कुमार
डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के विभाग के प्रोफेसर और ब्रेस्टफीडिंग प्रमोशन नेटवर्क आफ इंडिया के राष्ट्रीय प्रशिक्षक डा. अरविंद बताते हैं स्तनपान करवा रही मां का ख्याल गर्भावस्था से भी अधिक अच्छे से रखा जाना चाहिए। मां के स्वास्थ्य के साथ बच्चे का विकास भी जुड़ा होता है।
By Vrinda SrivastavaEdited By: Updated: Sun, 31 Jul 2022 03:17 PM (IST)
लखनऊ, रामांशी मिश्रा। एक नवजात के लिए स्तनपान ही उसका आहार होता है। स्तनपान से जुड़ी विभिन्न भ्रांतियों को मिटाने और जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। वर्ष 2022 का विषय 'स्टेप अप फार ब्रेस्ट फीडिंग' यानी स्तनपान के लिए कदम बढ़ाएं है।
डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के विभाग के प्रोफेसर और ब्रेस्टफीडिंग प्रमोशन नेटवर्क आफ इंडिया (बीपीएनआई) के राष्ट्रीय प्रशिक्षक डा. अरविंद कुमार सिंह बताते हैं कि स्तनपान करवा रही मां का ख्याल गर्भावस्था से भी अधिक अच्छे से रखा जाना चाहिए। मां के स्वास्थ्य के साथ बच्चे का विकास भी जुड़ा होता है।
नवजात को स्तनपान करवाते समय एक बात का ध्यान रखना बेहद आवश्यक होता है कि स्तनपान करवाते समय हर 10 मिनट पर स्तन बदलकर दूध न पिलाया जाए। क्योंकि स्तन से पहले 10 मिनट में दूध के साथ पानी, चीनी और प्रोटीन निकलता है। 10 मिनट बाद वसा निकलना प्रारंभ होती है। इसी से बच्चे का वजन बढ़ता है और विकास होता है। ऐसे में एक बार में एक ही स्तन से पूरा दूध पिलाया जाना चाहिए।
डा. अरविंद कहते हैं कि बच्चे का स्तनपान मां के लिए भी जरूरी होता है। मां के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:
- पहली बार मां बन रहीं महिलाओं के मन में स्तनपान और नवजात से जुड़ी कई शंकाएं रहती हैं। ऐसे में मां को प्यार भरे माहौल की जरूरत होती है।
- बेहतर माहौल से शरीर में आक्सिटोसिन हार्मोन बनता है। इससे स्तनों से अधिक दूध निकलता है।
- स्तनपान कराते समय बच्चे को एक बार में एक स्तन से ही पूरा दूध पिलाना चाहिए ताकि सभी तरह का पोषण मां से बच्चे को मिल सके।
- रात में मां का बच्चे को दूध पिलाना बेहद आवश्यक है। इससे प्रोलैक्टिन हार्मोन की अधिकता होती है और दूध बेहतर बनता है।
- स्तनपान कराने वाली मां के आहार में प्रोटीन, फल-सब्जियां, विटामिन, रोटी और अन्य खाने की मात्रा बढ़ी हुई होनी चाहिए। इससे दूध की गुणवत्ता बढ़ती है।
- कामकाजी महिलाएं सुबह अपने स्तन से दूध निकाल कर कटोरी में रख सकती हैं ताकि काम पर जाने के बाद आठ से 10 घंटे तक इसे बच्चे को यह दूध पिलाया जा सके।
- काम पर रहने के दौरान भी छह से आठ घंटे के बीच स्तन से दूध निकालना मां के लिए आवश्यक है। अन्यथा दूध बनना बन्द हो जाता है।
- गर्मी के दिनों में बच्चे के होंठ सूख जाए तो पानी न पिलाएं। स्तनपान में ही शिशु की आवश्यकतानुसार पानी की मात्रा स्वयं बढ़ जाती है।