World No Tobacco Day: तंबाकू छोड़ना है तो आएं केजीएमयू, दस मिनट की काउंसिलिंग से हो रहा लाभ
World No Tobacco Day किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के डा. सूर्यकांत का कहना है कि तंबाकू के कारण 25 तरह की बीमारियां और लगभग 40 तरह के कैंसर हो सकते हैं। शोध में 70 रासायनिक पदार्थ कैंसरकारी पाए गए हैं।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। कैंसर और टीबी समेत कई गंभीर बीमारियों की प्रमुख वजह बीड़ी-सिगरेट व तंबाकू उत्पादों का सेवन है। यही वजह है कि हर साल तंबाकू सेवन से देश में 12 लाख लोग जान गवां रहे हैं। केजीएमयू में तंबाकू निषेध क्लीनिक चलाई जा रही है, जहां हर माह करीब 20-22 लोगों को धूमपान से मुक्त कराया जा रहा है।
केजीएमयू के एसोसिएट प्रो. अंकित कुमार ने बताया कि धूमपान से छुटकारा दिलाने के लिए ऐसे लोगों की काउंसिलिंग जरूरी है। पांच से दस मिनट की काउंसिलिंग में 70 से 80 प्रतिशत लोग धूमपान छोड़ देते हैं। इनमें से 10 फीसद महिलाएं शामिल हैं। इस वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस 31 मई की थीम 'आओ पर्यावरण की सुरक्षा करें' है।
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डा. सूर्यकांत का कहना है कि तंबाकू के कारण 25 तरह की बीमारियां और लगभग 40 तरह के कैंसर हो सकते हैं। इसमें प्रमुख मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, प्रोस्टेट का कैंसर, पेट का कैंसर, ब्रेन ट्यूमर है।
उन्होंने बताया कि तंबाकू के धुएं से 500 हानिकारक गैस व सात हजार अन्य रसायनिक पदार्थ निकलते हैं, जिनमें निकोटिन और टार प्रमुख हैं। डा. सूर्यकांत का कहना है कि शोध में 70 रासायनिक पदार्थ कैंसरकारी पाए गए हैं। सिगरेट की तुलना में बीड़ी पीना ज्यादा नुकसानदायक होता है। यही कारण है कि विश्व भर में होने वाली कुल मृत्यु में 50 प्रतिशत मौत का कारण धूमपान बन चुका है।
नवजात के लिए खतरा : महिलाएं गर्भावस्था के दौरान परोक्ष या अपरोक्ष रूप से धूमपान करती हैं तो उनके नवजात का वजन कम होने की शंका रहता है। गर्भाशय में या पैदा होने के तत्काल बाद मृत्यु हो जाने का खतरा भी रहता है, इसके अलावा नवजात को जन्मजात बीमारियां अपनी चपेट में ले सकती है।