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यूपी डाटा सेंटर नीति 2021 को योगी कैबिनेट की मंजूरी, लगेंगे उद्योग-मिलेगा 25 हजार लोगों को रोजगार

उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति-2021 के तहत डाटा सेंटर पार्क और इकाइयों को पूंजी उपादान ब्याज उपादान जमीन खरीदने/पट्टे पर लेने पर स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी। ऐसे पार्क व इकाइयों को बिजली से संबंधित वित्तीय प्रोत्साहनों के अलावा कई तरह के गैर-वित्तीय प्रोत्साहन भी दिए जाएंगे।

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Updated: Mon, 25 Jan 2021 11:27 PM (IST)
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति-2021 को मंजूरी दी गई है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में 250 मेगावाट क्षमता का डाटा सेंटर उद्योग विकसित करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश से प्रदेश में निजी क्षेत्र में कम से कम तीन अत्याधुनिक डाटा सेंटर पार्क और 10 डाटा सेंटर इकाइयां स्थापित कराए जाने का लक्ष्य है। इस मकसद से सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति-2021 को मंजूरी दी गई है। 

डाटा सेंटर इकाइयों के आसपास बड़ी संख्या में आइटी तथा सूचना प्रौद्योगिकी जनित इकाइयों की स्थापना होती है। इनमें प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होते हैं। उत्तर प्रदेश में तीन डाटा सेंटर पार्क व 10 डाटा सेंटर इकाइयों की स्थापना से लगभग चार हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष तथा 10 से 25 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है। नीति जारी होने पर इस क्षेत्र के निवेशक प्रदेश में अपने डाटा सेंटर तथा आइटी या आइटी जनित सेवा उद्योगों की स्थापना के लिए प्रोत्साहित होंगे। इससे प्रदेश में ग्लोबल डाटा सेंटर्स जैसे अमेजॉन, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, आइबीएम आदि के आने की संभावना बढ़ेगी। इससे उप्र डाटा स्टोरेज में आत्मनिर्भर बन सकेगा।

नीति के तहत डाटा सेंटर पार्क और इकाइयों को पूंजी उपादान, ब्याज उपादान, जमीन खरीदने/पट्टे पर लेने पर स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी। ऐसे पार्क व इकाइयों को बिजली से संबंधित वित्तीय प्रोत्साहनों के अलावा कई तरह के गैर-वित्तीय प्रोत्साहन भी दिए जाएंगे। बुंदेलखंड और पूर्वांचल में डाटा सेंटर पार्क व इकाइयों की स्थापना के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है।

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अभी देश का ज्यादातर डाटा देश के बाहर संरक्षित किया जाता है। डाटा सेंटर पार्क और इकाइयों की स्थापना के लिए प्रदेश में अभी तक कोई डाटा सेंटर नीति नहीं थी। इसलिए सरकार ने यह नीति बनाने का फैसला किया। इस नीति को मंजूरी मिलने की प्रत्याशा में राज्य सरकार को डाटा सेंटर की स्थापना से संबंधित कई प्रस्ताव मिले हैं, जिन पर तेजी से काम चल रहा है। यह नीति अधिसूचना की तारीख से पांच वर्ष या राज्य सरकार की ओर से नई नीति लाये जाने या मौजूदा नीति में संशोधन किए जाने तक लागू रहेगी। कैबिनेट ने यह भी निर्णय किया है कि इस नीति में मुख्यमंत्री की मंजूरी से बदलाव किया जा सकेगा। 

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