योगी सरकार ने फिर खोला पिटारा- कैबिनेट मीटिंग में निवेश प्रोत्साहन नीति-2023 को दी मंजूरी, इन कंपनियों को मिला मौका
UP Cabinet Decision - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में विदेश और फॉर्च्यून-500 कंपनियों से अधिक से अधिक निवेश हासिल करने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) एवं फॉर्च्यून-500 कंपनियों के निवेश हेतु प्रोत्साहन नीति-2023 को मंजूरी दी गई।
By Rajeev DixitEdited By: Shivam YadavUpdated: Tue, 31 Oct 2023 11:24 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में विदेश और फॉर्च्यून-500 कंपनियों से अधिक से अधिक निवेश हासिल करने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) एवं फॉर्च्यून-500 कंपनियों के निवेश हेतु प्रोत्साहन नीति-2023 को मंजूरी दी गई। इस नीति के तहत 100 करोड़ रुपये से अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने वाली कंपनियों को राज्य सरकार कुछ विशिष्ट सुविधाएं, रियायतें और वित्तीय प्रोत्साहन देगी।
नई नीति लेकर आई सरकार
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश को बहुत कम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल हुआ है। अक्टूबर 2019 से अक्टूबर 2022 तक महाराष्ट्र को 3.74 लाख करोड़ रुपये और कर्नाटक को 3.21 लाख करोड़ रुपये एफडीआई हासिल हुआ, वहीं इस अवधि में उप्र में सिर्फ 9,435 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। इसलिए राज्य सरकार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए यह नई नीति लेकर आई है।
किस्तों में दी जाएगी सब्सिडी
नीति के अंतर्गत पात्र परियोजनाओं को विकास प्राधिकरणों की वर्तमान आवंटन दरों में रियायत देते हुए भूमि आवंटित की जाएगी। उन्हें भूमि की लागत को छोड़कर पूंजी निवेश पर गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद में पूंजी निवेश का 25 प्रतिशत, पश्चिमांचल (गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद को छोड़कर) तथा मध्यांचल में 30 प्रतिशत तथा बुंदेलखंड व पूर्वांचल में 35 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी 100 करोड़ रुपये की वार्षिक सीमा के अधीन सात समान वार्षिक किस्तों में दी जाएगी।स्टांप ड्यूटी व पंजीकरण शुल्क में क्षेत्रवार छूट
ऐसी परियोजनाओं को 100 प्रतिशत की दर से शुद्ध एसजीएसटी प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी जो भूमि की लागत को छोड़कर पात्र पूंजी निवेश की अधिकतम सीमा के बराबर होगी। इन कंपनियों को उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 के अंतर्गत स्टांप ड्यूटी व पंजीकरण शुल्क में क्षेत्रवार छूट दी जाएगी। उन्हें इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में पांच वर्षों के लिए 100 प्रतिशत छूट मिलेगी।
यदि कंपनी को परिवर्तनीय कर ढांचे का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण वह आउटपुट टैक्स के भुगतान के लिए कैपिटल गुड्स पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का उपयोग करने और उसका रिफंड प्राप्त करने में सक्षम नहीं है तो राज्य सरकार उसे उप्र जीएसटी अधिनियम-2017 की स्वीकार्य सीमा तक मानक निवेश अवधि के भीतर कैपिटल गुड्स पर भुगतान किये गए एसजीएसटी इनपुट को वापस करेगी।
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