UP Hotel Rules: अब यूपी में छोटे होटल खोलना होगा आसान, योगी सरकार ने नियमों में किए बड़े बदलाव
योगी सरकार ने होटल खोलने के नियमों ने बदलाव किए हैं जिसके बाद छोटे होटल खोलना मालिकों के लिए आसान होगा। पहले 20 कमरों से अधिक का होटल के निर्माण के लिए कम से कम एक हजार वर्ग मीटर जमीन होना अनिवार्य था लेकिन अब न्यूनतम 500 वर्ग मीटर जमीन की ही आवश्यकता होगी। भवन की ऊंचाई को लेकर भी ढील बरती गई है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में पर्यटकों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए होटल इंडस्ट्री को प्रोत्साहन देने के लिए योगी सरकार ने पहल की है। अब छोटे होटल खोलना और आसान होगा। आवास विभाग ने इसके लिए नियमों को शिथिल कर दिया है। छह कमरों से 20 कमरों तक के होटल खोलने के लिए न्यूनतम क्षेत्रफल की बाध्यता नहीं होगी। आवासीय क्षेत्रों में यह नौ मीटर चौड़ाई वाली सड़क पर खोला जा सकेगा।
अब 20 कमरों से अधिक का होटल के निर्माण के लिए न्यूनतम 500 वर्ग मीटर जमीन की ही आवश्यकता होगी। पहले कम से कम एक हजार वर्ग मीटर जमीन होना अनिवार्य था। ऐसे में इस नियम को भी शिथिल किया गया है। आवासीय क्षेत्र में 12 मीटर चौड़ी सड़क पर ऐसे होटल बनाए जा सकेंगे। गैर आवासीय क्षेत्रों में सभी तरह के होटल बनाने के लिए सड़क की चौड़ाई 12 मीटर होना जरूरी है।
अपर मुख्य सचिव, आवास नितिन रमेश गोकर्ण की ओर से उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद व विकास प्राधिकरणों में प्रभावी भवन निर्माण एवं विकास उपविधि में किए गए संशोधनों को लागू किए जाने का शासनादेश जारी कर दिया गया है। अब सभी विकास प्राधिकरण अपने-अपने बोर्ड अनुमोदन से इसे तत्काल रूप से लागू करेंगे।
अयोध्या, वाराणसी व मथुरा इत्यादि के धार्मिक स्थलों पर जिस तरह पर्यटकों की संख्या में भारी बढ़ोतरी को देखते हुए अधिक से अधिक होटलों का निर्माण कर उन्हें बेहतर सुविधाएं दिलाई जा सकें इसके लिए यह पहल की गई है। जो अन्य छूट दी गई है उसमें 15 मीटर तक की ऊंचाई वाले भवनों के सामने पांच मीटर, पीछे तीन मीटर और अगल-बगल तीन-तीन मीटर का सेट बैक छोड़ना होगा। प्रति हजार वर्ग मीटर निर्माण पर कार पार्किंग स्थल छोड़ना जरूरी होगा।
भवन की ऊंचाई पर कोई प्रतिबंध नहीं
अनुमन्य भू-आच्छादन एवं फ्लोर एरिया रेसियो (एफएआर) के अंतर्गत भवन की ऊंचाई पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा, परंतु भवन की ऊंचाई संरक्षित स्मारक, हेरिटेज स्थल से दूरी, एयरपोर्ट फनल जोन व अन्य वैधानिक शर्तों का पालन करना जरूरी होगा।चार हजार वर्ग मीटर एवं अधिक क्षेत्रफल के भूखंडों पर प्रस्तावित होटल भवन में 20 प्रतिशत एफएआर का उपयोग कार्यालय एवं व्यवसायिक व रिटेल शाप व 20 प्रतिशत एफआर का उपयोग सर्विस अपार्टमेंट के लिए किया जाएगा। वहीं पांच प्रतिशत अतिरिक्त भू आच्छादन पर एट्रियम यानी प्रवेश कक्ष बनाया जा सकता है। इसकी गणना एफआर में नहीं होगी।
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