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झांसी को मिलने वाली है नई पहचान, योगी सरकार ने बनाया धांसू प्लान; काम भी हो गया शुरू

उत्तर प्रदेश सरकार ने झांसी को मूंगफली क्लस्टर के रूप में विकसित करने की पहल शुरू की है। विश्व बैंक की मदद से चलाई जा रही यूपी एग्रीज योजना के तहत यह कदम उठाया गया है। क्लस्टर की स्थापना से झांसी की मूंगफली न केवल देश के प्रमुख बाजारों में उपलब्ध होगी बल्कि इसका निर्यात भी संभव हो सकेगा ।

By Anand Mishra Edited By: Aysha Sheikh Updated: Wed, 11 Sep 2024 07:31 PM (IST)
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ - फाइल फोटो ।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विश्व बैंक की मदद से चलाई जा रही यूपी एग्रीज योजना के तहत झांसी को मूंगफली क्लस्टर के रूप में विकसित करने के प्रयास योगी सरकार ने शुरू किए हैं। क्लस्टर की स्थापना से झांसी की मूंगफली न सिर्फ देश के प्रमुख बाजारों में उपलब्ध होगी, बल्कि विदेश खासकर दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में इसका निर्यात भी संभव हो सकेगा।

बहुपयोगी होने के कारण पिछले एक दशक में उत्तर प्रदेश के किसानों ने मूंगफली की खेती के प्रति रुचि दिखाई है। इसका असर उत्पादकता पर भी पड़ा है और मूंगफली के रकबे में भी वृद्धि हुई है। भारत सरकार के अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकी निदेशालय की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक देश में प्रति हेक्टेयर मूंगफली की उपज 1542 किलोग्राम थी।

इसकी तुलना में उत्तर प्रदेश की उपज मात्र 809 किलोग्राम थी और देश के कुल रकबे में यूपी का योगदान सिर्फ दो प्रतिशत था। बीते एक दशक में हालात तेजी से बदले हैं। इस दौरान प्रदेश में मूंगफली का रकबा बढ़कर 4.7 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

बता दें कि मूंगफली की स्थानीय बाजार के साथ ही इंडोनेशिया, वियतनाम, थाईलैंड, मलेशिया, फिलीपींस सहित दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में बढ़ती मांग को देखते हुए प्रदेश सरकार ने विश्व बैंक की मदद से यूपी एग्रीज योजना के तहत झांसी को मूंगफली के कलस्टर के रूप में विकसित करने की योजना पर अमल शुरू किया है।

गुजरात में होता है सर्वाधिक उत्पादन

देश में सर्वाधिक मूंगफली का उत्पादन गुजरात (47 प्रतिशत) में होता है। इसके बाद राजस्थान और तमिलनाडु का नंबर आता है। मूंगफली उत्पादन में इन राज्यों की हिस्सेदारी क्रमशः 16 और 10 प्रतिशत है। देश में मूंगफली की औसत उपज बीते कुछ वर्षों में 1542 से बढ़कर 1688 किग्रा प्रति हेक्टेयर तक पहुंच गई है।

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