योगी सरकार महिला प्रधानों का करेगी सम्मान, 17,500 प्रधानों को किया जाएगा प्रशिक्षित
पंचायतों में स्थापित शासकीय प्राथमिक अपर माध्यमिक व माध्यमिक विद्यालयों में बालिका शौचालयों की मरम्मत-जीर्णोद्धार का कार्य भी किया जाएगा। बता दें कि मिशन शक्ति के तहत बालिका जन्म की अक्टूबर 2023 से निगरानी करते हुए सभी त्रिस्तरीय पंचायतों के तहत ग्राम पंचायतों में पंजीकरण किया जाएगा। ग्राम पंचायत-क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत द्वारा बालिका जन्म पंजीकरण के विषय में जन जागरूकता के लिए प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : मिशन शक्ति के चौथे चरण के शुभारंभ के साथ ही प्रदेश में नारी सुरक्षा-सम्मान व स्वावलंबन के लिए महिलाओं-बालिकाओं की आवश्यकताओं पर आधारित वार्षिक कार्ययोजना पर अमल का खाका तैयार किया जा रहा है। इस कड़ी में पंचायती राज विभाग ने ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और महिला जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण की कार्ययोजना पर अमल शुरू किया है।
पंचायती राज विभाग द्वारा 16 से 18 अक्टूबर तक माडल ग्राम पंचायत की महिला प्रधानों को सम्मानित किया जाएगा। अक्टूबर से जनवरी के बीच स्वयंसेवी संस्था के सहयोग से लगभग 17,500 महिला प्रधानों को उनके अधिकारों, नेतृत्व व कौशल विकास के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
इस अवधि में ही राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान व जिला पंचायत रिसोर्स सेंटर के माध्यम से 1,15,404 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। अक्टूबर से दिसंबर के मध्य क्षेत्र व जिला पंचायतों द्वारा महिला सदस्यों के साथ बैठक कर उनसे संबंधित विषयों को वार्षिक कार्ययोजना का भाग बनाया जाएगा।
पंचायतों में स्थापित शासकीय प्राथमिक, अपर माध्यमिक व माध्यमिक विद्यालयों में बालिका शौचालयों की मरम्मत-जीर्णोद्धार का कार्य भी किया जाएगा। बता दें कि मिशन शक्ति के तहत बालिका जन्म की अक्टूबर 2023 से निगरानी करते हुए सभी त्रिस्तरीय पंचायतों के तहत ग्राम पंचायतों में पंजीकरण किया जाएगा। ग्राम पंचायत-क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत द्वारा बालिका जन्म पंजीकरण के विषय में जन जागरूकता के लिए प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा।