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कोरोना प्रभावित 3817 बच्चों का भविष्य संवारेगी योगी सरकार, अभिभावकों के खाते में भेजी जाएगी 3 माह की धनराशि

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत 22 जुलाई को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। इन बच्चों का लालन-पालन करने वाले अभिभावकों के खाते में सरकार चार हजार रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से तीन महीने की धनराशि एक साथ भेजेगी।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Wed, 21 Jul 2021 09:32 AM (IST)
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उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत 22 जुलाई को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कोरोना संक्रमण के कारण अनाथ व निराश्रित हुए 3817 बच्चों का भविष्य उत्तर प्रदेश की योगी सरकार संवारेगी। इसके लिए बनाई गई उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत 22 जुलाई को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। इन बच्चों का लालन-पालन करने वाले अभिभावकों के खाते में सरकार चार हजार रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से तीन महीने की धनराशि एक साथ भेजेगी।

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का शुभारंभ लोकभवन से होगा। इस आयोजन में राजधानी के 50 अनाथ बच्चे शामिल होंगे, जिनसे राज्यपाल और मुख्यमंत्री मुलाकात कर योजना में चयनित होने का स्वीकृति पत्र देंगे। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सभी 75 जिलों में भी किया जाएगा। साथ ही इसी दिन सभी जिलों में इस योजना से जुड़े आयोजन होंगे। कोरोना संक्रमण के कारण अनाथ व निराश्रित हुए 3817 बच्चों में 333 ऐसे हैं, जिनके माता व पिता दोनों अब इस दुनिया में नहीं हैं। 3484 बच्चों ने अपने माता-पिता में से एक को खोया है।

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का मूल उद्देश्य कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों की सारी जरूरतें पूरी करना है। योजना में 18 साल तक के ऐसे बच्चे शामिल किए गए हैं, जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोरोना से हो गयी हो या फिर माता-पिता में से एक की मृत्यु एक मार्च, 2020 से पहले हो गई हो और दूसरे की मृत्यु कोरोना काल में हो गई हो या फिर माता-पिता दोनों की मौत एक मार्च 2020 से पहले हो गई थी और वैध संरक्षक की मृत्यु इस महामारी से हो गई हो।

  • योजना के तहत ये मिलेंगे लाभ

  • 18 साल तक के बच्चों के वैध संरक्षक के बैंक खाते में चार हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। बशर्ते कि बच्चे का दाखिला किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो। समय से टीकाकरण भी होना चाहिए।
  • जिन बच्चों को बाल गृहों में रखा जा रहा है, उनको कक्षा छह से 12 तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में दाखिला दिलाया जाएगा।
  • संरक्षक 11 से 18 साल के बच्चों की कक्षा-12 तक की मुफ्त शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में भी प्रवेश करा सकेंगे।
  • योजना के तहत चिन्हित बालिकाओं के शादी के योग्य होने पर शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपये दिए जाएंगे।
  • कक्षा-9 या इससे ऊपर की कक्षा में या व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 साल तक के बच्चों को टैबलेट या लैपटाप उपलब्ध करवाया जाएगा।
इन जिलों में मिले सर्वाधिक बच्चे : लखनऊ, वाराणसी, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, गाजियाबाद, मेरठ, अयोध्या, झांसी, देवरिया, गोरखपुर, प्रयागराज, शामली व जौनपुर।

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