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महाकुंभ-25: श्रद्धालुओं से विनम्र व्यवहार के लिए पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देगी योगी सरकार, सात तरीके की होगी इन डेप्थ ट्रेनिंग

एसएसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि महाकुंभ के दौरान देश दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। ऐसे में उनकी भाषा भी अलग-अलग है। इसके लिए भाषिनी एप तैयार किया गया है। पुलिसकर्मियों को भाषिनी एप के संचालन की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके जरिये विभिन्न भाषा बोलने वाले श्रद्धालुओं की भाषा को समझने व गाइड करने के लिए एप के जरिये मदद कर सकेंगे।

By Jagran News Edited By: Amit Singh Updated: Sat, 19 Oct 2024 07:50 PM (IST)
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पुलिसकर्मियों को कठिन परिस्थितियों में सेवा के लिए बनाया जाएगा समर्थ।

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। योगी सरकार महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को वर्ल्ड क्लास सुविधा उपल्ब्ध कराने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। वहीं मेले के दौरान श्रद्धालुओं के साथ विनम्र व्यवहार पर भी फोकस कर रही है, ताकि वह जब यहां से जाएं तो अच्छा और सुखद अनुभव लेकर जाएं। साथ ही वह अपने इस सुखद अनुभव को लोगों से शेयर कर सकें। इसमें सबसे अहम रोल पुलिस का होगा।

ऐसे में योगी सरकार ने पुलिसकर्मियों का तीन सेशन में दो तरह के प्रशिक्षण कराने का निर्णय लिया है। इसके तहत पहले सेशन का प्रशिक्षण शुरू भी कर दिया गया है। इसके अलावा श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नाविकों, गोताखोरों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इतना ही नहीं श्रद्धालुओं से तय किराया लेने समेत अन्य चीजों को लेकर ई रिक्शा और टैंपो चालकों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

तीन सेशन में दी जाएगी पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग

महाकुंभ मेला एसएसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक उच्च स्तरीय बैठक में महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को अच्छा व्यवहार करने के लिए विभाग को रणनीति तैयार करने के निर्देश दिये थे। इसी के तहत पुलिसकर्मियों को तीन सेशन में प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया। सीएम योगी से हरी झंडी मिलने के बाद पुलिसकर्मियों का पहले सेशन का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों को दो तरह के प्रशिक्षण दिये जाएंगे। इनमें अंत: और बाह्य प्रशिक्षण शामिल है। इसे तीन सेशन में विभाजित किया गया है। इसमें पहला सेशन 21 दिन, दूसरा सेशन 14 दिन और तीसरा सेशन 7 दिन का होगा। इसमें पहले सेशन का प्रशिक्षण 16 अक्टूबर से शुरू हो गया है। एसएसपी ने बताया कि अंत: प्रशिक्षण (इन डेप्थ) को भी सात चरणों में विभाजित किया गया है। इसमें पुलिसकर्मियों को सॉफ्ट स्किल के तहत श्रद्धालुओं से कैसा व्यवहार करना है, इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है।

इसी तरह जेंडर सेंसटाइजेशन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसका उद्​देश्य बड़ी संख्या में आने वाली महिलाओं श्रद्धालुओं को लेकर है क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में हर जगह महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं की जा सकती है। ऐसे में इसके तहत पुरुष पुलिसकर्मियों से उनकी प्राइवेसी समेत अन्य चीजों को लेकर ट्रेनिंग दी जा रही है। वहीं महाकुंभ के दौरान पुलिसकर्मियों पर काफी दबाव होगा। ऐसे में इससे कैसे निपटना है, इसके लिए तनाव प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जा रही है।

भाषिनी एप और चैटबॉट से लैस होंगे पुलिसकर्मी

एसएसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि महाकुंभ के दौरान देश दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। ऐसे में उनकी भाषा भी अलग-अलग है। इसके लिए भाषिनी एप तैयार किया गया है। पुलिसकर्मियों को भाषिनी एप के संचालन की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके जरिये विभिन्न भाषा बोलने वाले श्रद्धालुओं की भाषा को समझने व गाइड करने के लिए एप के जरिये मदद कर सकेंगे। वहीं पुलिसकर्मियों को चैटबॉट के संचालन की भी ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि श्रद्धालुओं की सवालों को जवाब दे सकें।

उन्होंने बताया कि महाकुंभ को सुरक्षा और भव्य आयोजित करने के लिए एआई का इस्तेमाल किया जाएगा। ऐसे में पुलिसकर्मियों को एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की भी जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि दूसरे बाह्य प्रशिक्षण के तहत पुलिसकर्मियों को महाकुंभ मेले के भौगाेलिक क्षेत्र की जानकारी दी जाएगी। इसमें उन्हे उनके ड्यूटी प्वाइंट से जुड़ी अहम जानकारी, उसकी संवेदनशीलता और कठिन परिस्थितियों में लगातार ड्यूटी करने के लिए समर्थ बनाना शामिल है।

ई रिक्शा और टैंपो चालक को तय किराया समेत श्रद्धालुओं से अदब से पेश आने की दी जाएगी ट्रेनिंग

महाकुंभ में आने वाले संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। इसे ध्यान में रखते हुए नाविकों और गोताखोरों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।

इसमें नाविकों को सभी सुरक्षा उपकरण का इस्तेमाल करने एवं श्रद्धालुओं के इसके लिए प्रेरित करना आदि शामिल है। वहीं ई रिक्शा और टैंपो चालकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें उन्हे श्रद्धालुओं से तय किराया लेने, अच्छा व्यवहार करने, निर्धारित रूट पर चलने, चौराहों आदि पर जाम न लगाने आदि की ट्रेनिंग शामिल है।

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