जागरण विशेष: यूपी के इस जिले में 517 किसान मिलकर करते हैं ऐसी खेती, अब यहां कोई नहीं जाता दिल्ली-मुंबई, टर्नओवर जानकर हो जाएंगे हैरान
महराजगंज जिले के मठिया ईदू गांव में बनी मां पाटेश्वरी वेजिटेबल फूड प्रोड्यूसर कंपनी से जुड़ कर 517 किसान संगठित रूप से स्ट्राबेरी खीरा व लौकी की खेती कर बड़े शहरों में अपनी फसलों को शहर तक पहुंचा रहे हैं। कभी परंपरागत रूप से होने वाली खेती के बदले स्वरूप के चलते किसानों की आय बढ़ गई है। इनका टर्नओवर हैरान करने वाला है।
विश्वदीपक त्रिपाठी, महराजगंज। उत्तर प्रदेश के तराई के महराजगंज जिले में खेती से कम आमदनी के कारण दूसरे शहरों में पलायन को विवश किसान अब घर पर ही अच्छी कमाई कर रहे हैं। जिले के मठिया ईदू गांव में बनी मां पाटेश्वरी वेजिटेबल फूड प्रोड्यूसर कंपनी से जुड़ कर 517 किसान संगठित रूप से स्ट्राबेरी, खीरा व लौकी की खेती कर बड़े शहरों में अपनी फसलों को शहर तक पहुंचा रहे हैं। कभी परंपरागत रूप से होने वाली खेती के बदले स्वरूप के चलते किसानों की आय बढ़ गई है। देखते ही देखते इस कंपनी का वार्षिक टर्नओवर 23 लाख रुपये पहुंच गया है।
दो हजार की आबादी वाले इस गांव के अधिकांश लोगों की आजीविका कृषि पर ही निर्भर हैं। लेकिन कृषि उत्पादों का उचित मूल्य न मिलने के कारण गांव के युवा पलायन के लिए मजबूर थे। इस समस्या को दूर करने के लिए अगस्त 2021 में गांव के ही प्रगतिशील किसान वीरेंद्र चौरसिया ने नाबार्ड के सहयोग से कपंनी का गठन किया।इसे भी पढ़ें- रामलला सोने के कटोरे में पांच बार ग्रहण करते मधुपर्क, इस वजह से भोग में शामिल किया गया दही
500 से लेकर 2000 तक का शेयर खरीदकर किसानों ने कपंनी को खड़ा किया। इन किसानों को कंपनी की तरफ से समय-समय पर खाद- बीज उपलब्ध कराई जाती है। फसल तैयार होने पर उन्हें बेहतर बाजार उपलब्ध कराना भी कंपनी की जिम्मेदारी होती है। कपंनी से जुड़े किसानों ने छह लाख रुपये का शेयर खरीदा है।इसे भी पढ़ें- सीएम योगी के शहर में इस वजह से गरजा बुलडोजर, देखने वालों की जुटी भीड़
इसके एवज में केंद्र सरकार ने सेक्टर स्कीम के तहत 4.07 लाख का इक्विटी ग्रांट दी है। वर्तमान में कंपनी से जुड़े किसान 10 हेक्टेयर में संगठित रूप से खेती कर रहे हैं। इनके द्वारा तीन हेक्टेयर में स्ट्राबेरी, तीन हेक्टेयर में खीरा व चार हेक्टेयर में लौकी की खेती की गई है।
स्ट्राबेरी को किसान स्थानीय जिले के बाजार के साथ गोरखपुर, लखनऊ व बनारस की मंडियों में भी भेज रहे हैं। जबकि लौकी व खीरा महराजगंज व गोरखपुर की मंडी में ही खप जा रहा है। वीरेंद्र चौरसिया ने बताया कि स्ट्राबेरी 90 रुपया किलो बिक रही है। जब कि खीरे व लौकी का थोक मूल्य 20 रुपया प्रति किलो है।
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