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गोभी की खेती से किसान गोपेश्वर सिंह के जीवन में आई खुशहाली

दो दर्जन से अधिक परिवारों के लोग एक दशक से गोभी की खेती से हुए सफल

By JagranEdited By: Updated: Sun, 13 Dec 2020 12:20 AM (IST)
गोभी की खेती से किसान गोपेश्वर सिंह के जीवन में आई खुशहाली
गोभी की खेती से किसान गोपेश्वर सिंह के जीवन में आई खुशहाली

महाराजगंज: खेतों में लहलहाती गोभी की खेती दर्जनों परिवारों के लिए खुशहाल जीवन का मजबूत आधार बन गई है। कभी आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसान गोपेश्वर सिंह अब गोभी से प्राप्त आमदनी के सहारे उन्नत एवं खुशहाल जीवन गुजार रहे हैं। सुबह से शाम तक खेत में पसीना बहाकर आसपास के गांवों के किसानों के लिए नजीर बन गए हैं। भारत-नेपाल सीमा से सटे नौतनवा ब्लाक का सुकरौली उर्फ अरघा गांव गोभी की खेती को लेकर सीमावर्ती क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। गांव में लगभग दो दर्जन से ऊपर परिवारों के लोग एक दशक से गोभी की खेती को ही अपनी जीविकोपार्जन का मजबूत सहारा बनाकर खुशहाली की डगर पर आगे बढ़ रहे हैं। सुबह होते ही किसान फावड़े व खुरपी लेकर गोभी की देखभाल में जुट जाते हैं।वे फसल में रासायनिक खाद की जगह गोबर की खाद का बेहतर उपयोग कर रहे हैं। किसान गोपेश्वर सिंह ने बताया कि एक एकड़ खेत से गोभी की खेती शुरू किए थे। जिसमें बीस हजार लागत लगाकर 70 से 80 रुपए हजार की आमदनी प्राप्त हुई थी। उन्होंने बताया कि ठंड, गर्मी व बरसात हर मौसम में गोभी की खेती की जाती है। इस बार दो एकड़ खेत में गोभी लगाया हूं। जिसमें 40 हजार रुपए का खर्च आया है। धान-गेहूं की खेती भी करते थे जिससे घर का खर्च नहीं चल पाता था। जबसे गोभी की खेती करना शुरु किया, तभी से परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई। इस गांव से उगाई गई गोभी क्षेत्रीय बाजारों के अलावा नेपाल के बाजारों, महराजगंज, गोरखपुर, बनारस व लखनऊ तक के मंडियों में पहुंचती हैं। जिसको व्यापारी गांव से आकर अपने वाहनों से ले जाते हैं।

ग्रामीणों को गोभी खेती के लिए किया प्रेरित:

करीब 15 वर्ष पूर्व गिट्टी मंडी बंद होने के बाद लोग बेरोजगार हो गए थे, वह दिल्ली, मुंबई और पंजाब कमाने जाने की योजना बनाने लगे। ग्रामीणों को गोपेश्वर सिंह ने गोभी की खेती करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने पहले 50 डिसमिल में खेती कर उसका मुनाफा बताया। उन्होंने ग्रामीणों को कुछ पैसे का सहयोग कर खेती को शुरू कराया।उन्होंने कहा जब खेती में लाभ होगा तो पैसे लौटा देना। वर्तमान में गोपेश्वर सिंह ग्राम प्रधान हैं। उनसे सीख लेकर सुकरौली उर्फ अरघा गांव के किसान दिनेश सिंह,शब्बीर,अलगू पासवान,हरिश्चंद्र दुषाद, गणेश चौधरी,नीरम चौधरी,महेंद्र मौर्य, बिडू सिंह , सूर्य नारायण आदि खुशहाल हैं। गोपेश्वर सिंह ने बताया कि माधुरी कंपनी का बीज नौतनवा बाजार से खरीदा जाता है। एक एकड़ में 100 ग्राम बीज की मात्रा और 20 हजार रुपये का खर्च आता है। हर मौसम में गोभी की अलग - अलग प्रजातियां लगाई जाती है। जिसमें फूल गोभी,बंद गोभी व बोकली गोभी है।