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Indo-Nepal Border: चीन के नागरिकों ने हिमाचल और कर्नाटक के पते पर बनवाया था आधार, घुसपैठ करते समय गिरफ्तार

उत्‍तर प्रदेश के महराजगंज जिले में एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां सोनौली बॉर्डर पर दो चीनी नागरिक सहित तीन लोगों को दो दिन पहले गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में पूछताछ में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। चीनी नागरिकों को फर्जी आधार कार्ड बनवाया गया था जिसमें हिमाचल और कर्नाटक का पता दिखाया गया है।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 02 Aug 2024 08:24 AM (IST)
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सोनौली कोतवाली में आरोपित चीनी नागरिकों के साथ पुलिस व एसएसबी की संयुक्त टीम। जागरण

 जागरण संवाददाता, महराजगंज। भारत-नेपाल की सौनौली सीमा पर बुधवार रात पकड़े गए दो चीनी नागरिकों के पास भारतीय आधार कार्ड मिला है। यह पहचान पत्र हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक के दो अलग-अलग पते पर बना है। दिल्ली में रहने वाले तिब्बती मूल के भारतीय नागरिक (शरणार्थी) ने इसे बनवाया है।

खुद को मूक दर्शा रहे चीनी नागरिकों के साथ एसएसबी जवानों ने सख्ती बरती तो आरोपित बोल पड़े। बताया कि वे औषधि निर्माण से जुड़े हैं, जड़ी-बूटी की तलाश में भारत आ रहे थे। उनके दावों पर यकीन न होने के चलते पुलिस ने गुरुवार को तीनों को न्यायालय में प्रस्तुत किया, जहां से जेल भेज दिया गया।

एसएसबी व पुलिस की संयुक्त गश्त में पकड़े गए तीनों युवकों से लंबी पूछताछ चली। एक युवक हिंदी में बात कर रहा था। उसने अपना नाम लवसंग सेरिंग बताया। कहा कि वह तिब्बती मूल का भारतीय नागरिक है और वर्तमान 86 यूजीएफ गंली नंबर तीन, कृष्णानगर, नई दिल्ली में रहता है। दोनों चीनी नागरिक को मूक बताया।

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चीनी नागरिक भी मूक होने का अभिनय कर रहे थे। उनके पास दो आधार कार्ड पर मिला। इसमें एक पर विज्ञेन डोर्जी, पता-डेज डिविजन मकान नंबर 136, पोस्ट चौंत्राबेग 181, मंडी हिमाचल प्रदेश लिखा था, जबकि दूसरे पर कर्नाटक के मुंडगोड का पता लिखा था।

एसएसबी जवानों ने कड़ाई की तो मूक बने दोनों नागरिक बोल पड़े। उनके मोबाइल से मिले पासपोर्ट से उनकी पहचान चीनी नागरिक के रूप में हुई। इसमें विज्ञेन डोर्जी का असली नाम जू वाकयांग निवासी अन्हुई, चीन, जबकि लोबसैंग जामयांग की पहचान यंग मेंगमेंग के रूप में हुई। उनके पास वीजा नहीं है। लवसंग सेरिंग ने भारत में पहुंचाने के लिए उनका आधार कार्ड बनवाया था और इससे वह भारत की यात्रा करने वाले थे।

सोनौली बॉर्डर-जागरण


जड़ी बूटी की तलाश में हिमाचल जाने की थी योजना

चीनी नागरिकों ने बताया कि वह औषधि बनाते हैं। भारतीय क्षेत्र में उनके आने का मुख्य मकसद यहां जड़ी बूटी के बारे में जानकारी लेकर अपनी औषधियों में प्रयोग करना है। पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में उनको भारत में लाने के लिए तिब्बती मूल के भारतीय नागरिक ने काठमांडू से गोरखपुर तक पहुंचाने के लिए 40 हजार रुपये लिए थे। चूंकि आरोपितों को हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में जड़ी-बूटी की तलाश करनी थी, तो उसने हिमाचल प्रदेश के पते से आधार कार्ड भी बनवा दिया था।

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महराजगंज अपर पुलिस अधीक्षक आतिश कुमार सिंह ने कहा कि पकड़े गए दोनों चीनी और भारतीय नागरिक के विरुद्ध सोनौली थाने में धोखाधड़ी, कूटरचना और विदेशी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही जिन पते से दोनों चीनी नागरिकों के आधार कार्ड बने हैं, उन पतों का भी पुलिस टीम सत्यापन करेगी।

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