यात्री सुविधाओं को मुंह चिढ़ा रहा रेलवे स्टेशन
इंडो-नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित नौतनवा रेलवे स्टेशन आजादी के सात दशक बाद भी आधुनिक सुविधाओं से वंचित है। स्टेशन की स्थापना आजादी के पूर्व अंग्रेजों द्वारा कराई गई थी।
महराजगंज: इंडो-नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित नौतनवा रेलवे स्टेशन आजादी के सात दशक बाद भी आधुनिक सुविधाओं से वंचित है। स्टेशन की स्थापना आजादी के पूर्व अंग्रेजों द्वारा कराई गई थी। स्थापना काल के ही ईंट, दीवारें व भवन यहां मौजूद हैं। रेल प्रशासन मरम्मत कराकर रेल काम चला रहा है। प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के नागरिक भी ट्रेन पकड़ने के लिए यहां आते हैं। जरूरी सुविधाएं न होने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। स्टेशन परिसर में वरिष्ठ नागरिक एवं महिलाओं के लिए अलग से टिकट काउंटर भी नहीं है, जिससे उन्हें भी काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। गंदगी से उठ रही दुर्गंध से यात्रियों का सांस लेना भी दूभर हो गया है। प्लेटफार्म पर यात्रियों के बैठने का पर्याप्त सीट न होने से लोग पर भूमि पर बैठकर ट्रेन की प्रतीक्षा करते है। मरम्मत के अभाव में प्लेटफार्म जगह-जगह से टूट रहा है तो धूप व बरसात रोकने के लिए लगाया गया टीनशेड क्षतिग्रस्त हो गया है। स्टेशन पर शौचालय तो है, लेकिन यह हमेशा गंदगी से पटा रहता है और हमेशा ताला लटका रहता है। जिससे यात्री खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। परिसर में लगा इंडिया मार्क हैंडपंप भी खराब पड़ा है। इस स्टेशन से रोजाना हजारों की संख्या में यात्रियों का आना-जाना लगा रहता है, फिर भी यहां यात्री सुविधाओं को लेकर पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ है। यात्रियों ने इसकी शिकायत कई बार रेल प्रशासन से भी की, लेकिन अफसरों के संज्ञान में सब कुछ है पर निदान नहीं। स्टेशन अधीक्षक एपी पांडेय का कहना है कि समस्याओं से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
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