क्या गरजेगा योगी का बुलडोजर? इस जिले में कहीं रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण तो कहीं तालाबों पर कब्जा; विभाग मौन
भागदौड़ भरी जिंदगी में एक तरफ जहां जिला प्रशासन गांव-गांव अमृत सरोवरों के माध्यम से तालाबों और जलाशयों की संरक्षण में जुटा हुआ है वहीं शहर के तालाब अतिक्रमण की चपेट में दिन-प्रतिदिन सिकुड़ते जा रहे हैं। लगातार हो रहे अतिक्रमण पर जिम्मेदार भी बेखबर हैं। कभी-कभी कार्रवाई के नाम पर दो-चार को नोटिस जारी कर नगर पालिका अपनी जिम्मेदारियों से इतिश्री कर लेती है।
जागरण संवाददाता, महाराजगंज। आनंदनगर रेलवे परिसर की भूमि अवैध रूप से अतिक्रमण की चपेट में है, जिससे यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। दुकानदारों ने आनंदनगर स्टेशन के आसपास की खाली भूमि पर पटरा-बल्ली आदि रख अतिक्रमण किए हुए हैं। विभाग द्वारा कोई कार्रवाई न होने से अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं।
स्टेशन के मुख्य निकास के पास ही सड़क ई-रिक्शा, आटो, चार पहिया वाहन चालकों द्वारा वाहन खड़ा किया जाता है। जिस कारण प्लेटफार्म के निकास द्वार के पास हर समय जाम लगा रहता है। रेल प्रशासन की उदासीनता से इस पर लगाम नहीं लग पा रहा है। हर दिन लगने वाले जाम से रेल यात्रियों को खासे दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
कई बार तो जाम इतना भयंकर हो जाता है कि यात्रियों की ट्रेन तक छूट जाती है। रेलवे द्वारा वाहनों के पार्किंग के लिए स्टैंड बनाया गया है। लेकिन वाहन चालकों द्वारा पार्किंग के बजाए सड़क किनारे ही वाहन खड़ा किया जाता हैं। रही सही कसर आटो चालकों व ठेला चालक पूरी कर देते है। जिस कारण जाम की समस्या गंभीर हो गई है। आरपीएफ के चौकी इंचार्ज लोकेश पासवान ने कहा कि पार्किंग स्टैंड बनाया गया है।
अतिक्रमण की जद में शहर के तालाब, जिम्मेदार बेखबर
भागदौड़ भरी जिंदगी में एक तरफ जहां जिला प्रशासन गांव-गांव अमृत सरोवरों के माध्यम से तालाबों और जलाशयों की संरक्षण में जुटा हुआ है, वहीं शहर के तालाब अतिक्रमण की चपेट में दिन-प्रतिदिन सिकुड़ते जा रहे हैं। लगातार हो रहे अतिक्रमण पर जिम्मेदार भी बेखबर हैं। कभी-कभी कार्रवाई के नाम पर दो-चार को नोटिस जारी कर नगर पालिका अपनी जिम्मेदारियों से इतिश्री कर लेती है।
नगर पालिका परिषद महराजगंज के कुल 25 वार्ड है। इनमें वर्ष 2020 में विस्तारीकरण में शामिल हुए छह गांवों के 22 टोलों के सम्मिलित होने से इसकी सीमा क्षेत्र के कई गांव के भी तालाब अब शामिल हो गए हैं। इस प्रकार नगर पालिका की सीमा क्षेत्र में कुल 166 तालाब चिह्नित हैं। इसमें शहर में अभी हाल ही में जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों की संख्या सर्वाधिक हैं।
शहर में तो पहले से ही अधिकांश तालाबों पर अतिक्रमण हुआ हैं, लेकिन इन दिनों गांव से शहर बने कई मजरों के तालाबों पर अतिक्रमण का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। कहीं पर इन तालाबों किनारे पर मिट्टी डालकर इसपर कब्जा किया जा रहा है तो कई तालाबों के किनारे नगर पालिका द्वारा कूड़ा डंप करना भी अतिक्रमण की प्रमुख वजह बनी हुई है
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।शहर के कई तालाबों का मिट चुका है अस्तित्व
शहर के कई तालाबों का अस्तित्व मिट चुका है। कई तालाबों पर जहां निर्माण हो चुके हैं, वहीं कई स्थानों पर कब्जे का प्रयास भी जारी है। शहर के पिपरदेउरा, सिविल लाइन, आजाद नगर, धनेवा-धनेई, गबड़ुआ, पड़री आदि वार्डों में प्रमुख रूप से तालाब की भूमि अतिक्रमण की चपेट में है।अभियान चलाकर होगी कार्रवाई
शहर की सार्वजनिक संपत्ति में तालाब की भूमि को संरक्षित किया जाता है। इसी क्रम में शहर के तालाबों पर अतिक्रमण और कब्जा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए अभियान चलाया जाएगा। - आलोक मिश्र, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका महराजगंज