खाकी की करतूत: हत्या के CCTV फुटेज के बाद भी किया मामले को दबाने का प्रयास, BJP विधायक ने पुलिस के खिलाफ खोला मोर्चा
UP News महोबा में एक व्यापारी की गोली मारकर हत्या के मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। हत्या की वारदात का सीसीटीवी फुटेज होने के बावजूद पुलिस ने गैर इरादतन हत्या की धारा में मामला दर्ज किया। इससे नाराज पीड़ित पक्ष और स्थानीय विधायक ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विधायक ने मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक से शिकायत की है।
जागरण संवाददाता, महोबा। चरखारी थाना क्षेत्र के मुहल्ला बजरिया में सजायाफ्ता अपराधी द्वारा व्यापारी की गोली मारकर हत्या किए जाने की वारदात सियासी रंग ले रही है, दरअसल हत्या की वारदात का लाइव सीसीटीवी फुटेज होने के बाद भी पुलिस ने गैर इरादन हत्या की दारा में दर्ज किया था, सीधे तौर पर इससे अपराधियों को फायदा मिला, पुलिस की इस करतूत से न सिर्फ विपक्षी दलों के नेता प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए सरकार की आलोचना कर रहे हैं, सत्ताधारी पार्टी के स्थानीय विधायक बृजभूषण सिंह राजपूत भी सामने आए हैं।
पीड़ित पक्ष को वे लखनऊ लेकर गए, मुख्यमंत्री व पुलिस महानिदेशक से शिकायत की। विधायक का कहना है कि हत्या जैसे संगीन मामले को दबाने की हिमाकत करने वाले पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होती तब तक वे शांत नहीं बैठेंगे, भले ही उन्हें धरना देना पड़े।चरखारी के मुहल्ला बजरिया निवासी 45 वर्षीय अनिल चौरसिया बाजार में इलेक्ट्रानिक मैकेनिक की दुकान संचालित कर परिवार का भरण पोषण करते थे। बताया जाता है कि नौ सितंबर की रात वह कानपुर से दुकान का सामान लेकर आए थे, घर में सब कुछ ठीक था। अनिल की किसी के साथ कोई रंजिश भी नहीं थी।
गोली मारकर की गई थी हत्या
रात 12 बजे वह घर से बाहर टहलते टहलते देवी मंदिर के पास पहुंचा वहां कुछ कहासुनी के बाद सीधे उनके सीने पर तमंचा सटाकर गोली मारकर हत्या कर दी गई, घटना को धीरेंद्र सिंह उर्फ हेमू राजा एवं उसके साथी बाबी राजा ने अंजाम दिया उसके अन्य साथी भी मौके पर खड़े थे, लेकिन पुलिस ने दुस्साहसिक वारदात को हत्या के बजाए गैर इरादतन हत्या की धारा में दर्ज किया।
आरोप लगाया जा रहा है कि हत्यारों को बचाने की मंशा से पुलिस ने कमजोर धारा में मुकदमा दर्ज किया है।
स्थानीय विधायक ने खोला मोर्चा
चरखारी विधायक बृजभूषण सिंह राजपूत ने व्यापारी की हत्या में लीपापोती को लेकर पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि किस के इशारे पर पुलिस ने आरोपितों के प्रति रुख नरम किया यह साफ होना चाहिए, घटना को दबाने के जिम्मेदार प्रभारी निरीक्षक एवं अन्य आला अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए, तभी पीड़ित पक्ष को न्याय मिलेगा। डीआइजी से लेकर डीजीपी और मुख्यमंत्री से तक विधायक शिकायत कर चुके हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।सीसीटीवी फुटेज दे रहा है हत्या की गवाही
महोबा : व्यापारी अनिल चौरसिया की गोली मारकर हत्या किए जाने की वारदात में सीसीटीवी कैमरे का लाइव फुटेज अहम सबूत है, वीडियो में पीले रंग की टीशर्ट पहने अनिल चौरसिया पैदल चलते हुए मंदिर के समीप पहुंचते दिखाई दे रहे हैं। मंदिर के पास करीब 30 सेकेंड उनकी आरोपितों से बात होती है, इसके बाद आरोपित अनिल के सीने पर तमंचा सटाकर गोली मार देते हैं। हैरत की बात यह है कि सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद भी पुलिस ने हत्या की धारा में मुकदमा नहीं लिखा, अब चौतरफा पुलिस की फजीहत हो रही है। दिवंगत के भाई अखिलेश ने कहा कि यदि सीसीटीवी फुटेज न होता तो पुलिस मुकदमा ही नहीं लिखती। निश्चित तौर पर पुलिस किसी के दबाव में काम कर रही थी।महोबा पुलिस अधीक्षक पलाश बंसल ने बताया-इसे भी पढ़ें: कालिंदी एक्सप्रेस प्रकरण मामले में पुलिस ने चार संदिग्धों को हिरासत में लिया, तीन को पूछताछ के बाद छोड़ाव्यापारी अनिल चौरसिया की हत्या के मामले में धारा बढ़ा दी गई है, यदि मुकदमा दर्ज करने में कोई लापरवाही की गई है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी, आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। मजबूत साक्ष्य संकलित कर आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की जाएगी।