किसान ने जैसे ही प्रबंधक को छह हजार रुपये दिए तो टीम के दोनों सदस्यों ने उसे पकड़ कर केबिन में ही बैठा लिया। शाखा में मौजूद ग्राहकों को बाहर कर बैंक स्टाफ को भी अंदर रोक लिया सभी के फोन कब्जे में ले लिए। शाम करीब छह बजे बैंक की चतुर्थ श्रेणी कर्मी प्रेमलता को साथ लेकर टीम शाखा प्रबंधक वैभव खरे के नौगांव स्थित आवास पहुंची।
संवाद सूत्र, अजनर (महोबा)। कस्बा स्थित आर्यावर्त ग्रामीण बैंक शाखा के प्रबंधक को लखनऊ से आई सीबीआइ टीम ने छह हजार की घूस लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। शाखा के बाद टीम उसके नौगांव मप्र स्थित आवास पहुंची। यहां से दस्तावेज आदि कब्जे में लिए।
अजनर के बिजौरी गांव निवासी किसान मनोज कुमार प्रजापति का आर्यावर्त ग्रामीण बैंक शाखा अजनर से दो लाख का किसान क्रेडिट कार्ड बनना था।
उसने बताया कि शाखा प्रबंधक वैभव खरे उसे तीन माह से दौड़ा रहा था। बाद में दस हजार रुपये प्रबंधक ने मांगे, लेकिन छह हजार देने की बात तय हुई। किसान ने इस मामले की शिकायत लखनऊ सीबीआइ से लिखित रूप में कर दी। शुक्रवार शाम को सीबीआइ टीम के करीब दस सदस्य अजनर पहुंचे। यहां किसानों को पहले भेज कर टीम के दो सदस्य किसान बन कर अंदर चले गए।
किसान ने जैसे ही प्रबंधक को छह हजार रुपये दिए तो टीम के दोनों सदस्यों ने उसे पकड़ कर केबिन में ही बैठा लिया। शाखा में मौजूद ग्राहकों को बाहर कर बैंक स्टाफ को भी अंदर रोक लिया, सभी के फोन कब्जे में ले लिए। शाम करीब छह बजे बैंक की चतुर्थ श्रेणी कर्मी प्रेमलता को साथ लेकर टीम शाखा प्रबंधक वैभव खरे के नौगांव स्थित आवास पहुंची।
किसानों ने खोल दी पोल
कई दस्तावेज लेकर शाम करीब साढ़े सात बजे टीम शाखा प्रबंधक की शिक्षिका पत्नी को लेकर टीम अजनर आई। मामले में कुछ किसानों ने बताया कि बैंक में कमीशन लेकर किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जाते हैं, इसी मामले में शिकायत हुई है। मूलरूप से झांसी निवासी वैभव खरे अजनर शाखा में दो साल से तैनात है, यहां से पहले महोबकंठ शाखा में था।
सीबाआइ के अधिकारी ने बताया कि बैंक प्रबंधक को किसान से छह हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा है, मामले की जांच चल रही है। रात नौ बजे शाखा प्रबंधक को लेकर टीम लखनऊ निकल गई। मामले में एलडीएम (लीड बैंक मैनेजर) सरोज कुमार ने बताया कि उन्हें किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं है।
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