बुंदेलखंड की मांगों को लेकर 35 बार प्रधानमंत्री को खून से लिखा पत्र, 259 दिन का अनशन...; अब PM कार्यालय ने दिया जवाब
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के 99वें जन्मदिन पर बुंदेली समाज के सदस्यों के हाथों प्रधानमंत्री को लिखे खून से पत्रों का प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया है और क्षेत्र की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए प्रदेश के मुख्य सचिव को खत लिखकर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर बुंदेलखंडी ने बताया कि उनके पास प्रधानमंत्री कार्यालय से एक पत्र आया है।
जागरण संवाददाता, महोबा। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 99वें जन्मदिन पर बुंदेली समाज के सदस्यों के हाथों प्रधानमंत्री को लिखे खून से पत्रों का प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया है और क्षेत्र की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए प्रदेश के मुख्य सचिव को खत लिखकर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर बुंदेलखंडी ने बताया कि उनके पास प्रधानमंत्री कार्यालय से एक पत्र आया है। 10 जनवरी को लिखे इस पत्र में सेक्शन अधिकारी शिक्षा शर्मा ने लिखा है कि आपकी मांगों पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए मुख्य सचिव को निर्देशित किया गया है। साथ ही क्या कार्रवाई हुई, इसके बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ आपको भी पत्र से अवगत कराने के लिए निर्देश हैं।
पीएम को 35 बार लिखा खून से पत्र
पाटकर ने बताया कि वे अपने साथियों के साथ अब तक प्रधानमंत्री को 35 बार अपने खून से पत्र लिखकर भेज चुके हैं। इन पत्रों में महोबा समेत पूरे बुंदेलखंड की मरणासन्न स्वास्थ्य सेवाओं का मुद्दा सबसे प्रमुख होता है। इसके अलावा बुंदेलखंड राज्य की मांग व बुंदेलखंड को खनन हब न बनाकर पर्यटन हब बनाने की मांग भी प्रमुख होती है।
हम बुंदेले अब तक एक हजार से अधिक खत प्रधानमंत्री को अपने खून से लिख चुके हैं। बुंदेलखंड में एम्स की मांग को लेकर हम महोबा के आल्हा चौक में 259 दिन अनशन कर चुके हैं। इसके अलावा पिछले 9 साल से जूते चप्पल त्याग कर नंगे पैर चल रहे हैं और डेढ़ वर्ष से अन्न त्याग सत्याग्रह कर रहे हैं।
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