Mainpuri News: घिरोर में मिलीं 10वीं सदी की मूर्तियां, विशेषज्ञों का अनुमान- गांव में रहा हाेगा कोई भव्य मंदिर
Mainpuri News ग्राम स्तरीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के पहले दिन ही मिलीं प्राचीन विरासत - प्राचीन मंदिर का हिस्सा हैं पुरावशेष राज्य पुरातत्व विभाग ने किया अभिलेखीकरण। टीम ने सभी की फोटोग्राफी कर अभिलेखीकरण कर लिया है। अब अन्य गांवों में सर्वे की कार्रवाई जारी रहेगी।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Tue, 28 Feb 2023 08:13 AM (IST)
मैनपुरी, जागरण टीम, (दिलीप शर्मा)। ऋषियों की तपोभूमि कहे जाने वाले मैनपुरी के घिरोर क्षेत्र में 10वीं सदी के इतिहास के साक्ष्य सोमवार को सामने आ गए। ग्राम स्तरीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के लिए राज्य पुरातत्व विभाग की टीम गांव कनेगी पहुंची तो वहां बिखरे पुरावशेषाें को देखकर दंग रह गई। गांव के मंदिर के परिसर में आधा दर्जन मूर्तियां मिलीं। इन मूर्तियों के 10वीं-11वीं सदी के होने का अनुमाना है। विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्व में गांव में कोई भव्य मंदिर रहा होगा। यह पुरावशेष उसी मंदिर का हिस्सा हो सकते हैं।
सदियों पुराना है अस्तित्व
मैनपुरी जिले का अस्तित्व सदियाें पुराना माना जाता है। ऋषि मयन, ऋषि च्यवन, श्रंगी ऋषि और महर्षि मार्कंडेय ने यहां तप किया था। जिले में उनके आश्रम भी बने हुए है। प्राचीन इतिहास के साक्ष्य पूर्व में कई बार सामने आ चुके हैं। वर्ष 2013 में श्रंगी ऋषि आश्रम के टीले पर खोदाई में नवीं-दसवीं शताब्दी के मंदिर के अवशेष मिले थे। तब एएसआइ ने यहां जांच की थी। बीते साल कुरावली क्षेत्र में महाभारत कालीन हथियार मिले थे। इन ताम्र निधियों की एएसआइ द्वारा जांच की जा रही है। बीते साल ही करीमगंज के टीमे पर एएसआइ की जांच में पुरातात्विक साक्ष्य मिले थे। इसी तरह औंछा के च्यवन ऋषि आश्रम के कुंड से पुरावशेष मिल चुके हैं। इसके चलते ही जिले के घिरोर ब्लाक को राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा ग्राम स्तरीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के लिए चुना गया है।
सर्वेक्षण की हुई शुरुआत
सोमवार को राज्य पुरातत्व विभाग ने प्रभारी क्षेत्रीय अधिकारी राजीव कुमार त्रिवेदी के नेतृत्व में सर्वेक्षण की शुरुआत की। टीम ने गांव दौरासी, बादशाहपुर और कनेगी में सर्वे किया। गांव कनेगी में पूर्व दिशा में स्थित शिव मंदिर पर टीम पहुंची तो वहां कई प्राचीन मूर्तियां आदि परिसर में रखी मिलीं। मूर्तियां बलुआ पत्थर से बनी हैं और उन पर उत्तम कारीगरी नजर आ रही है। परिसर में ही टीम को किसी प्राचीन मंदिर के स्तंभ का एक हिस्सा भी मिला। इसके अलावा प्राचीन मंदिर का ललाट बिंदू और वास्तु खंड भी मिला है। प्रभारी क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी के अनुसार सभी पुराशेष 10वीं सदी के आसपास के होने का अनुमान है। टीम ने सभी की फोटोग्राफी कर अभिलेखीकरण कर लिया है। अब अन्य गांवों में सर्वे की कार्रवाई जारी रहेगी।प्राचीन मंदिर के हैं साक्ष्य
गांव कनेगी में मिले पुरावशेष वहां प्राचीन काल में किसी भव्य मंदिर के होने का संकेत दे रहे हैं। मंदिर के स्तंभ का जो हिस्सा मिला है, उस पर शानदार नक्काशी की गई है। खंडित मूर्तियां भी हिंदू देवी-देवताओं की हैं। शिव मंदिर के भवन में लगे मिले ललाट बिंदु में मध्य में शिवलिंग बना है और साथ में देवी-देवता नजर आ रहे हैं। इसी तरह वास्तुखंड पर भी उत्तम नक्काशी है।
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