UP By Election: मुलायम सिंह के शिष्य और शिवपाल के करीबी रघुराज देंगे मैनपुरी सीट पर डिंपल यादव को चुनौती
UP By Election भाजपा मैनपुरी लोकसभा सीट पर कमल खिलाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इस सीट पर भाजपा पिछले दो लोकसभा चुनावों से शाक्य प्रत्याशी का कार्ड खेल रही है। 1996 से सपा के गढ़ पर इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है।
By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Tue, 15 Nov 2022 03:06 PM (IST)
मैनपुरी, जेएनएन। By Election Mainpuri Lok Sabha Seat सपा का गढ़ कहे जाने वाली मैनपुरी लोकसभा सीट पर भाजपा ने पूर्व सांसद रघुराज शाक्य को प्रत्याशी बनाया है। रघुराज शाक्य सपा की प्रत्याशी डिंपल यादव को चुनौती देंगे। लोकसभा क्षेत्र मे यादव मतों के बाद सबसे ज्यादा शाक्य मतदाता है। ऐसे में भाजपा बीते दो चुनाव से शाक्य प्रत्याशी उतारती रही है। इस बार भी इसी फार्मूले पर प्रत्याशी चयन किया गया है। मैनपुरी लोकसभा सीट को मुलायम सिंह का गढ़ कहा जाता था।
मैनपुरी लोकसभा सीट पर सपा को कोई नहीं दे पाया चुनौती
वर्ष 1996 से लेकर बीते लोकसभा चुनाव तक यहां सपा को कोई चुनौती नहीं दे पाया। पांच बार तो खुद मुलायम सिंह सांसद रहे। वर्ष 2014 और 2019 में जबर्दस्त मोदी लहर में भी भाजपा इस दुर्ग को भेद नहीं सकी थी। इसकी अहम वजह रही, यादव मतदाताओं की बहुलता था। जातीय समीकरणों के लिहाज से देखें तो यादव वोटर अहम भूमिका निभाते रहे हैं। लोकसभा क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग के मतदाता करीब 45 फीसद बताए जाते हैं, इनमें यादव मतदाताओं की हिस्सेदारी करीब 25 फीसद तक है। इनके बाद शाक्य मतदाताओं का नंबर आता है। सवर्णों की बात करें तो इनका कुल आंकड़ा 25 फीसद तक पहुंचता है, लगभग इतने ही दलित मतदाता हैं। अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या सबसे कम करीब पांच फीसद है।
दो लोकसभा चुनावों से भाजपा उतार रही शाक्य प्रत्याशी
सपा को यादव मतों के साथ अन्य वर्गों का भी समर्थन मिलता रहा है। इसकी काट के लिए बीते दो लोकसभा चुनावों में भाजपा शाक्य प्रत्याशी का फार्मूला अपना चुकी है। भाजपाई रणनीतिकारों ने इस चुनाव में भी इसी रणनीति के तहत रघुराज शाक्य को प्रत्याशी चुना है। रघुराज सिंह शाक्य वर्ष 2012 में सपा की टिकट इटावा विधानसभा सीट से विधायक बनें थे। वह वर्ष 1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव में भी इटावा संसदीय सीट से सांसद रहे हैं। वर्ष 2009 के चुनाव में वह आगरा की फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से भी मैदान में उतरे थे, परंतु जीत हासिल नहीं कर पाए थे। बीते विधानसभा चुनावों से पहले वह भाजपा में शामिल हुए थे।प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के करीबी हैं रघुराज शाक्य
रघुराज शाक्य मूल रूप से जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं और वहां उनका खासा प्रभाव भी माना जाता है। वह प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के भी करीबी रहे हैं। रघुराज शाक्य को प्रत्याशी चुने जाने के लिए जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र में उनका प्रभाव सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है। मैनपुरी लोकसभा सीट पर भाजपा को सबसे बड़ा नुकसान इसी विधानसभा क्षेत्र से होता रहा है।
रघुराज शाक्य के प्रत्याशी बनने से दिलचस्प होगा मुकाबला
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव 3.66 लाख मतों के अंतर से जीत थे। इनमें से 1.60 लाख वोटों की बढ़त अकेले जसवंतनगर विधानसभा सीट से मिली थी। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मुलायम सिंह यादव की जीत के अंतर को 94 हजार वोटों तक समेट दिया था, परंतु उसमें 62 हजार मतों की बढ़त अकेले जसवंतनगर की शामिल थी। भाजपा की रणनीति जसवंतनगर में से मिलने वाली सपा की बढ़त को रोकना और शाक्य व अन्य मतों को एकजुट कर जीत तक पहुंचने की है। माना जा रहा है कि रघुराज शाक्य के प्रत्याशी बनने से मुकाबला बहुत दिलचस्प होगा।Azam Khan पर धड़ाधड़ मुकदमे कराने वाले आकाश सक्सेना पर भाजपा ने फिर जताया भरोसा, By Poll में बनाया उम्मीदवारUP By Election: मैनपुरी में डिंपल के सामने BJP के रघुराज, आजम खां की रामपुर और खतौली सीट के उम्मीदवार भी घोषित
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