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भाई बना हैवान, 18 घंटे रहा दूल्हा-दुल्हन का साथ, मेहंदी के हाथाें में बही खून की धार, बेरहमी से मारे थे पांचों

मैनपुरी में छोटे भाई पर पांच वार बांक बहनोई और भाई के दोस्त पर किए थे तीन-तीन प्रहार पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सामने आई हत्यारे की नृशंसता। हत्याकांड में तीन बेटों बहू और दामाद की मृत्यू से टूट गए सुभाष यादव। रो-रो कर देते रहे बदकिस्मती की दुहाई दुख देख नम हुईं सबकी आंखें। देर शाम शनिवार को सभी शवों का गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sun, 25 Jun 2023 01:49 PM (IST)
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Mainpuri Mass Murder Case: मैनपुरी में भाई ने खेला खूनी खेल, पांच की हत्या कर खुद को मारी गोली।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। मैनपुरी जिले में शनिवार को भाई ने खूनी खेला। जिसमें दूल्हा-दुल्हन सहित पांच की हत्या कर दी गई। आरोपित ने खुद को गोली मारकर उड़ा लिया। इस हत्याकांड के बाद परिवार में हर कोई वजह जानने के लिए बेताब है। दूल्हा और दुल्हन का साथ करीब 18 घंटे का ही रहा।

दूल्हा-दुल्हन, छोटा भाई, अपने बहनाेई और एक छोटे भाई के दोस्त को धारदार हथियार से हमला कर मौत के घाट उतारने वाले शिववीर पर पूरे परिवार को खत्म करने का जुनून सवार था। उसने हत्या करते समय हर किसी पर कई-कई वार किए, जिससे किसी के बचने की संभावना न रहे। शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट उसकी बेरहमी की गवाही दे रही है।

दूल्हा और दुल्हन पर उतारा गुस्सा

उसका सबसे ज्यादा गुस्सा नवविवाहित जोड़े पर उतरा। उसने दूल्हे पर आठ और दुल्हन पर पांच जानलेवा प्रहार किए थे। हत्याकांड के बाद शवों के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार दूल्हा सोनू के शरीर पर आठ घाव थे। उसके सिर, माथा, चेहरा, गर्दन, छाती, हाथ और कलाई पर बांक मारा गया था। दुल्हन सोनी की गर्दन, चेहरा, हाथ पर पांच घाव थे।

शिववीर ने छोटे भाई भुल्लन पर भी बेरहमी दिखाई थी। उसके शरीर पर गर्दन, चेहरा व कंधे पर घाव थे। बहनोई सौरभ के गर्दन, गाल व थोड़ी और भुल्लन के दोस्त दीपक उपाध्याय के शरीर पर गर्दन व कलाई पर तीन घाव थे। वहीं शिववीर का सिर गोली लगने से फटा हुआ था। एसपी विनोद कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सभी की मृत्यु का कारण स्पष्ट हो गया है।

सब कुछ खत्म हो गया, बुढ़ापे में कैसे पालूंगा परिवार

65 साल की उम्र और इतना बड़ा दुख। बड़े बेटे के हाथों दो जवान बेटों, बहू और दामाद सहित पांच की हत्या का कलंक। पिता सुभाष यादव के बुजुर्ग कंधे इस दुख के बोझ से पूरी तरह झुक चुके हैं। आंखों से बहती आंसुओं की धार थम नहीं रही। कहते-कहते जुबान लरजने लगती है। कसमसाते हैं और कहते हैं कि मैं क्यो बच गया, मुझे भी मार डालता। अब इस उम्र में पूरे घर को कैसे संभालूंगा। शनिवार की काली सुबह सुभाष यादव के परिवार कहर बनकर टूटी।

रोते रोते बोले- शिववीर सबसे बड़ा था, कई कारोबार किए उसने

हत्याकांड के बाद सुभाष यादव एक तरफ निढाल पड़े हुए थे। पीछे से करुण क्रंदन की आवाजें आ रही थी और बीच-बीच वह भी सिसकने लगते थे। रोते-रोते सुभाष यादव ने बताया कि शिववीर सबसे बड़ा था। कई कारोबार किए, परंतु घाटे में ही रहा। सबकुछ गिरवी रख दिया था। फिर भी पैसे मांगता था, इसी बात की लड़ाई थी। पर ऐसा करेगा, ये तो सपने में भी नहीं सोचा था। सगे भाईयों, बहू और बहनोई को मारते समय भी उसके हाथ नहीं कांपे। मुझ पर भी वार किया, परंतु बांक उलटा था। अब सोचता हूं कि मैं भी मर जाता। सब कुछ खत्म कर गया और पूरे घर को बर्बाद कर गया। खेत गिरवी है, जेवर भी गिरवीं है। अब उनको कौन छुड़ाएगा।

बेटी-बहू विधवा हो गई

बेटी-बहु विधवा हो गई। मुझ बूढ़े के कंधों पर अब उसी हत्यारे के बच्चों को पालने का बोझ है। उन बेचारों मासूमों के माथे पर भी सदा के लिए हत्यारे के बेटा-बेटी होने का कलंक लग गया। यह कैसे मिटेगा। अब तो लगता है कि वह हम सब को मार देता। यह कहते-कहते वह फिर सुबकने लगे। साथ बैठे ग्रामीणों ने ढांढस बंधाने का प्रयास किया, परंतु उनके आंसु नहीं थमे। 

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