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UP Politics: लोकसभा चुनाव की हार के बाद अब फिर से पूरी दमखम दिखाने की तैयारी!, 20 साल बाद उप चुनाव लड़ेगी बसपा

Mainpuri News In Hindi 20 साल बाद उप चुनाव में भाग्य आजमाएगी बसपा। विधानसभा चुनाव के लिहाज से बसपा का यह पहला उपुचनाव होगा। अभी प्रत्याशी के नाम पर भले पार्टी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं लेकिन जिलाध्यक्ष व जिला प्रभारी को समीक्षा के लिए लखनऊ बुलाया है। 2004 के लोकसभा उप चुनाव में बसपा ने अशोक शाक्य को टिकट दिया था।

By Abhishek Saxena Edited By: Abhishek Saxena Updated: Mon, 24 Jun 2024 02:20 PM (IST)
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मायावती इस बार उप चुनाव में उम्मीदवार खड़ा कर सकती हैं। फाइल फोटो।

वीरभान सिंह, मैनपुरी। कन्नौज से सांसद निर्वाचित होने के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा क्षेत्र से विधायक पद से त्यागपत्र दे दिया है। उनके सीट छोड़ने के बाद रिक्त हुई सीट पर दोबारा उप चुनाव की तैयारी चल रही है। 20 वर्ष के बाद इस बार बसपा भी उप चुनाव में अपना भाग्य आजमाने की तैयारी कर रही है। 

लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर पराजय का सामना करने के बाद उप चुनाव के लिए बसपा फिर से तैयारी में जुटी है। पार्टी प्रमुख मायावती ने रिक्त हुई करहल विधानसभा सीट पर अपना प्रत्याशी उतारने की तैयारी पूरी कर ली है। जिलाध्यक्ष प्रेमचंद्र शाक्य और जिला प्रभारी दीपक पेंटर को लखनऊ बुलाया गया है। हालांकि पूर्व के चुनावों में बसपा हर उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारती थी।

मैनपुरी की बात करें तो बसपा ने अपना आखिरी उपचुनाव वर्ष 2004 में लड़ा था। तब मुलायम सिंह यादव द्वारा लोकसभा सीट छोड़ने पर उपचुनाव हुआ था। सपा से धर्मेंद्र यादव के सामने बसपा के अशोक शाक्य मैदान में थे। 3,48,999 वोट पाकर धर्मेद्र यादव ने जीत दर्ज की थी, जबकि अशोक शाक्य 1,69,286 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। उसके बाद हुए 2014 के उप चुनाव में बसपा ने कोई प्रत्याशी नहीं उतारा था।

मायावती ने नहीं उतारा था प्रत्याशी

2019 के चुनाव में सपा से गठबंधन और 2022 के उप चुनाव में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन से रिक्त हुई सीट पर हुए उप चुनाव में भी अपना प्रत्याशी नहीं लड़ाया था। अब 20 साल के लंबे अंतराल के बाद पार्टी पूरे दम से तैयारी कर रही है।

बीते विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर रही थी बसपा

वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में सपा मुखिया अखिलेश यादव करहल सीट पर चुनाव लड़े थे। उनके सामने भाजपा ने केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को मैदान में उतारा था। जबकि बसपा ने कुलदीप नारायण उर्फ दीपक पेंटर को प्रत्याशी बनाया था। उस चुनाव में तीन ही प्रत्याशी थे। बसपा प्रत्याशी 15701 वोट हासिल कर तीसरे नंबर रहे थे।

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लोकसभा चुनाव में हार के बाद नए चेहरे की तलाश

मई में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में बसपा ने इटावा जिले के जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक रहे शिवप्रसाद यादव को मैनपुरी से चुनाव लड़ाया था। जिले में उनका जादू नहीं चला। मात्र 66814 मत ही प्राप्त हुए थे। ऐसे में उप चुनाव के लिए बसपा नए चेहरे पर दांव लगा सकती है।

2004 के उप चुनाव की स्थिति

  • 348999 वोट सपा से धर्मेंद्र यादव को मिले थे।
  • 169286 वोट बसपा से अशोक शाक्य को मिले थे।
  • 14544 वोट भाजपा के रामबाबू कुशवाहा को मिले थे। भाजपा तीसरे स्थान पर थी।
  • 179713 वोट से सपा प्रत्याशी जीते थे।

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2014 के मुख्य चुनाव की स्थिति

  • 595918 वोट सपा से मुलायम सिंह यादव को मिले थे।
  • 231252 भाजपा के शत्रुघ्न सिंह चौहान को मिले थे।
  • 142833 वोट बसपा की संघमित्रा मौर्य केा मिले थे। बसपा तीसरेे स्थान पर थी।

हमें लखनऊ बुलाया। बहनजी द्वारा समीक्षा की जा रही है। करहल विधानसभा सीट पर बसपा अपना प्रत्याशी उतारेगी। हम पूरी तैयारी से उप चुनाव के लिए जुटे हैं। - प्रेमचंद्र शाक्य, जिलाध्यक्ष

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