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भेड़ लूटने के लिए की थी पशुपालक की हत्या

कस्बा कुर्रा में पशुपालक की सिर और हाथ काटकर की गई हत्या का राजफाश हो गया है। भेड़ लूटने के इरादे से हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। इस घटना में एक नहीं बल्कि दो आरोपित शामिल थे। पुलिस ने मुठभेड़ के बाद दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों ने घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार की है।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 05 Jun 2022 04:45 AM (IST)
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भेड़ लूटने के लिए की थी पशुपालक की हत्या

जासं, मैनपुरी : कस्बा कुर्रा में पशुपालक की सिर और हाथ काटकर की गई हत्या का राजफाश हो गया है। भेड़ लूटने के इरादे से हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। इस घटना में एक नहीं, बल्कि दो आरोपित शामिल थे। पुलिस ने मुठभेड़ के बाद दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों ने घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार की है।

कस्बा कुर्रा के पशुपालक कृपाल सिंह यादव भेड़ पालने का काम करते थे। भेड़ पालन के लिए उन्होंने कस्बा निवासी मिथुन गुप्ता का घर और खाली जगह किराये पर ली थी। 24 मई की रात को कृपाल सिंह लापता हो गए थे। उनकी भेड़ें भी गायब थी। आसपास के लोगों ने उनको तलाश किया। पता नहीं चलने पर मुंबई में रह रहे उनके भाई लखपति सिंह को सूचना दी गई। 29 मई को कुर्रा पहुंचे लखपति सिंह ने भी अपने भाई को तलाश किया, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली तो उन्होंने थाने में सूचना दी। पुलिस ने कृपाल सिंह को तलाश किया तो भेड़ पालन वाले स्थान पर कूड़े के ढेर में उनका का शव दबा मिला। सिर और हाथ काटकर उनकी हत्या की गई थी। लखपति सिंह ने गांव हाजीपुर निवासी विक्रम सिंह के खिलाफ हत्या का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

एसपी कमलेश दीक्षित ने बताया कि जिस तरह से घटना को अंजाम दिया गया था, उससे आशंका पैदा हो रही थी कि घटना में एक से अधिक अपराधी शामिल हो सकते हैं। इसी आधार पर जांच को आगे बढ़ाया गया तो हत्या में राजू चौहान निवासी भोगपुर थाना कुर्रा के शामिल होने की जानकारी मिली। पुलिस ने आरोपितों की तलाश शुरू कर दी। शुक्रवार रात मिली सूचना के बाद इंस्पेक्टर कुर्रा कैलाश बाबू ने अपनी टीम के साथ बिलंदा पुल के पास मौजूद विक्रम सिंह और राजू चौहान की घेराबंदी की तो दोनों पुलिस टीम पर फायरिग कर भागने लगे। पुलिस ने दोनों को घेराबंदी कर पकड़ लिया। दोनों को जेल भेजा गया है। - हत्यारोपितों को नहीं था कार्रवाई का डर

जागरण संवाददाता, मैनपुरी : पशुपालक के स्वजन बाहर रहते हैं इसलिए हत्यारोपितों को किसी भी कार्रवाई का डर नहीं था। इसीलिए दोनों आरोपितों ने पशुपालक की हत्या की योजना तैयार की थी। पकड़े गए आरोपितों ने पुलिस को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है।

दोनों आरोपितों ने बताया कि कृपाल सिंह की हत्या से पहले घटना को अंजाम देने की रणनीति तैयार की गई थी। दोनों को विश्वास था कि इस हत्याकांड का राज किसी को पता नहीं चलेगा। कुछ ही दिनों में शव भी कूड़े के ढे़र में सड़-गल कर नष्ट हो जाएगा। पशुपालक के स्वजन बाहर रहते हैं, इसलिए कोई कार्रवाई भी नहीं होगी। दोनों ने स्वीकार किया कि हत्या करने के बाद वे कृपाल सिंह की 59 भेड़ों को दो लोडरों में लादकर ले गए थे।

बातचीत के दौरान कर दिया था चाकू से हमला

आरोपितों ने स्वीकार किया कि वे दोनों बातचीत के बहाने 24 मई कीे रात को कृपाल सिंह के घर पहुंचे और दरवाजा खुलवाया। बातचीत के दौरान ही उनकी हत्या कर दी। चाकू से गला और हाथ काटकर शव को कूड़े के ढेर में दबा दिया।

जसवंत नगर के पशु बाजार में बेची थी भेड़ें

दोनों ने स्वीकार किया कि लूटी गई 59 भेड़ों को उन्होंने इटावा के जसवंतनगर पशु बाजार में तीन लाख रुपये में बेच दिया था। इसमें से 14400 रुपये दोनों ने मिलकर खर्च कर लिए है। बाकी 285600 रुपये की धनराशि पुलिस ने बरामद कर ली है।