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जीत की ‘महारानी’ बनीं सैफई परिवार की ‘बहूरानी’, सपा का गढ़ ध्वस्त करने के मंसूबों को धूल में मिलाया, 1996 से कब्जा रखा बरकरार

जीत की ‘महारानी’ बनीं सैफई परिवार की ‘बहूरानी’। उपचुनाव में 2.88 लाख से मिली थी जीत इस बार भी 2.21 लाख मतों के अंतर से मिली विजय। भाजपा को लोकसभा सीट के हर विधानसभा क्षेत्र से करना पड़ा बड़ी पराजय का सामना। सैफई परिवार की बहू ने मुलायम सिंह के बाद लगातार दो चुनाव जीते हैं। डिंपल यादव के नाम मैनपुरी की पहली महिला सांसद होने का रिकॉर्ड भी है।

By Dileep Sharma Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 05 Jun 2024 07:39 AM (IST)
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मैनपुरी में समाजवादी पार्टी की जीत के बाद कार्यालय पहुंची सांसद डिंपल यादव।

दिलीप शर्मा, मैनपुरी। मैनपुरी लोकसभा सीट पर सपा के गढ़ को ध्वस्त करने के विरोधियों के सपने मंगलवार को धूल में मिल गए। चुनावी महासमर में सैफई परिवार की बहूरानी डिंपल यादव जीत की ‘महारानी’ बनकर उभरीं। उन्होंने 2.21 लाख से वोटों के अंतर से बड़ी जीत हासिल की।

वर्ष 2022 में हुए उपचुनाव में डिंपल ने 2.88 लाख वाेटों के अंतर से विजय हासिल की थी। डिंपल यादव ने अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को तो बरकरार रखा ही, जीत का नया कीर्तिमान भी गढ़ दिया। वह मैनपुरी सीट पर लगातार दो चुनाव जीतने वाली महिला प्रत्याशी और सैफई परिवार में मुलायम सिंह यादव के बाद दूसरी सदस्य बनीं। डिंपल ने उपचुनाव की तरह ही भाजपा को लोकसभा सीट में शामिल सभी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को पीछे छोड़ने के रिकॉर्ड को भी बरकरार रखा।

मैनपुरी है सपा का गढ़

मैनपुरी लोकसभा सीट को सपा का गढ़ कहा जाता है। सपा का गठन भले ही वर्ष 1992 में हुआ, परंतु मुलायम सिंह यादव के राजनीति में उभार की साथ ही यहां उनका वर्चस्व बन गया था। उनके समर्थन या पार्टी वाले प्रत्याशी ही सांसद बनते रहे।

मुलायम सिंह यादव खुद पहली बार वर्ष 1996 में लाेकसभा चुनाव के मैदान उतरे और सांसद बने। इसके बाद से सपा यहां अजेय बन गई। वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में जब भाजपा को मोदी लहर में प्रचंड जीत मिली थी, तब भी सपा का गढ़ बरकरार रहा था।

मुलायम सिंह के निधन के बाद वर्ष 2022 में हुए उपचुनाव में भाजपा इस गढ़ को ढहाने के लिए पूरी ताकत से मैदान में उतरी थी। भाजपा ने शाक्य प्रत्याशी के रूप में रघुराज सिंह शाक्य को मैदान में उतारा था। दूसरी तरफ सपा अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया था। उस चुनाव में डिंपल यादव ने जीत हासिल की थी। इस बार भी सपा ने डिंपल यादव पर ही भरोसा जताया था। जबकि भाजपा ने गढ़ ढहाने के दावों के साथ स्थानीय विधायक पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह को प्रत्याशी बनाया था।

वहीं बसपा ने पूर्व विधायक शिवप्रसाद यादव को मैदान में उतारा था। चुनाव प्रचार में तीनों दलों ने भरपूर ताकत झोंकी थी। सपा के लिए पार्टी मुखिया अखिलेश यादव सहित सैफई परिवार के अन्य सदस्यों ने भी प्रचार किया था।

प्रचार में डिंपल यादव की बेटी अदिति यादव भी सुर्खियों में रही थी। वहीं भाजपा की ओर से गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित कई दिग्गज नेताओं ने प्रचार किया था। बसपा प्रत्याशी के लिए मायावती ने भी जनसभा की थी।

शुरुआत से सपा की जीत के संकेत

मंगलवार को नवीन मंडी परिसर में मतों की गिनती शुरू हुई तो शुरूआत से ही ईवीएम ने सपा की जीत के संकेत देना शुरू कर दिया था। डिंपल यादव पहले राउंड में भी भाजपा प्रत्याशी से आगे निकल गईं। हर राउंड की गिनती में बढ़त का आंकड़ा बढ़ता चला गया।

भाजपा प्रत्याशी जयवीर सिंह किसी भी राउंड में मुकाबले में नजर नहीं आए। कुछ राउंड की गिनती के बाद ही भाजपा और अन्य विरोधियों को हार का अहसास हो गया था। ऐसे में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह मतगणना स्थल पर भी नहीं गए। नेता और कार्यकर्ता ही जुटै रहे। वहीं बसपा प्रत्याशी पूरी मतगणना में एक बार भी सीधे मुकाबले में नजर नहीं आए। अंत में डिंपल यादव ने 221639 वोटों से जीत हासिल की।

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कायम रहा हर विस क्षेत्र में जीत का कीर्तिमान

मैनपुरी लोकसभा सीट पर सपा का वर्चस्व भले ही रहा हो, परंतु 2022 के उपचुनाव से पहले सपा का कोई भी प्रत्याशी इस सीट के सभी विधानसभा क्षेत्रों से बढ़त नहीं ले सका था। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में खुद मुलायम सिंह यादव भोगांव विधानसभा क्षेत्र से 26 हजार वोटाें से पिछड़ गए थे। भोगांव क्षेत्र से पूर्व में भी भाजपा ही बढ़त पाती रही थी।

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परंतु 2022 के उपचुनाव में डिंपल यादव ने हर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा को पीछे छोड़ा था। इस बार के चुनाव परिणाम में डिंपल यादव का यह रिकार्ड कायम रहा। भाजपा प्रत्याशी जयवीर सिंह मैनपुरी सदर विधानसभा सीट से विधायक हैं, लोकसभा के परिणाम में वह इस क्षेत्र में भी सपा से आगे नहीं निकल सके।

किस प्रत्याशी को मिले कितने वोट, प्रत्याशी, पार्टी, कुल मत मिले

  • डिंपल यादव, सपा, 598526
  • जयवीर सिंह, भाजपा, 376887
  • शिवप्रसाद यादव, बसपा, 66814
  • नंदराम बागड़ी, वोटर्स इंटरनेशनल पार्टी, 1769
  • मंजू पाल, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी, 1171
  • सुनील कुमार मिश्रा, सर्व समाज जनता पार्टी, 882
  • सुरेश चंद्र, निर्दलीय, 2374
  • प्रमोद कुमार, निर्दलीय, 1006
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