करहल में 2022 के मुकाबले कम पड़े वोट, मतदाताओं में नहीं दिखा जोश… अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुइ थी सीट
करहल उपचुनाव में बुधवार को 54.1 प्रतिशत मतदान हुआ। यह प्रतिशत 2022 के मुकाबले लगभग 12 प्रतिशत कम रह गया है। इस चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद सात प्रत्याशी मैदान में थे। मतदान के साथ ही जीत-हार की चर्चाओं का सिलसिला जिले में शुरू हो गया था। हालांकि मतदान के बाद अब सभी की निगाहें 23 नवंबर को होने वाली मतगणना पर है।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी। करहल उपचुनाव में बुधवार को वोटों की बरसात नहीं हो सकी। 2022 के मुकाबले इस बार मतदान का प्रतिशत करीब 12 प्रतिशत कम रह गया है। कुल 54.1 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके साथ ही मैदान में उतरे प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई।
अब 23 नवंबर को मतगणना के बाद ही अंतिम नतीजा सामने आएगा, इसके साथ ही करहल को नया विधायक मिल जाएगा, लेकिन उससे पहले ही प्रत्याशियों और दलों ने अपनी-अपनी जीत के दावे करना शुरू कर दिया है।
करहल विधानसभा सीट पर 2022 में चुनाव हुआ था, जिसमें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विधायक चुने गए थे। इस चुनाव के दौरान 66 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने वोट डाले थे।
इस साल 2022 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव कन्नौज लोकसभा से जीत गए तो करहल से उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद अब बुधवार को करहल का विधायक चुनने के लिए मतदान हुआ। इस सीट से सात प्रत्याशी मैदान में थे।
मतदाताओं में नहीं दिखा खास उत्साह
बुधवार सुबह सात बजे शुरू हुए मतदान को लेकर मतदाताओं में खास उत्साह नजर नहीं आया। शाम पांच बजे तक चले मतदान के बाद ईवीएम में फैसला सुरक्षित हो गया है। फिलहाल जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, यह तो 23 नवंबर को मतगणना के बाद ही सामने आएगा। वहीं, सपा- भाजपा और प्रत्याशियों ने अपने हिसाब से जीत-हार का गुणा- भाग शुरू कर दिया है। अपने समर्थक बहुल इलाकों में हुए मतदान, जातीय समीकरणों आदि के आधार पर खुद की जीत के दावे भी शुरू कर दिए गए हैं। हालांकि मतदान के रुझानों के बाद इस सपा और भाजपा प्रत्याशी के बीच ही सीधा मुकाबला रहने की संभावना जताई जा रही है।
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