मैनपुरी में 12 साल पुराने तिहरे हत्याकांड में फैसला, चौथे आरोपी को भी मृत्युदंड; दंपती व बेटे की ली थी जान
Triple Murder Case मैनपुरी में 12 साल पुराने तिहरे हत्याकांड के चौथे दोषी सुनील को भी मौत की सजा सुनाई गई है। इससे पहले इस मामले में तीन अन्य दोषियों को भी मौत की सजा हो चुकी है। सुनील ने दंपती की हत्या के बाद उनके नाबालिग बेटे का अपहरण कर उसकी भी हत्या कर दी थी। घटना के समय अर्चना का विवाह हो चुका था।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी। Triple Murder Case: 12 साल पहले दंपती की गोली मारकर हत्या के बाद उनके नाबालिग पुत्र का अपहरण कर हत्या करने के दोषी सुनील निवासी गांव खुशालपुर थाना जसवंतनगर इटावा को फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर दो के न्यायाधीश भूलेराम ने मृत्युदंड और 1.10 लाख रुपया अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी एडीजीसी मनोज कुमार वर्मा द्वारा की गई। इस तिहरे हत्याकांड के तीन दोषियों को पहले ही मृत्युदंड की सजा सुनाई जा चुकी है।
थाना करहल के गांव जलालपुर निवासी सुखराम ने पहली पत्नी सुरजा देवी की मृत्यु के बाद सुषमा देवी के साथ दूसरा विवाह कर लिया था। सुरजा देवी ने पुत्र मनीष और दो पुत्री अर्चना, रचना को जन्म दिया था।
घटना के समय हो चुका था विवाह
घटना के समय अर्चना का विवाह हो चुका है। वह ससुराल में रहती थी। रचना अपने पिता सुखराम, सौतेली मां सुषमा और सौतेले 11 वर्षीय भाई अभिषेक के साथ गांव जलालपुर में रहती थी। पूर्व में मनीष अपनी ननिहाल में रहता था। शादी के बाद वह पत्नी के साथ जलालपुर आकर रहने लगा था।
मनीष का पिता सुखराम के साथ बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा था। मनीष अपने पिता पर पूरी जमीन अपने नाम करवाने के लिए दबाव बना रहा था। सुखराम उसे आधी जमीन देना चाहते थे। इस पर मनीष ने सुखराम काे सर्वनाश करने की धमकी दी थी।
आरोपियों ने फायरिंग कर की सुषमा और सुखराम की हत्या
नौ अक्टूबर 2012 की रात मनीष अपने साथी गांव के निवासी कल्लू, मौसा वीरेंद्र और इटावा के थाना जसवंतनगर क्षेत्र में स्थित गांव खुशालपुर निवासी दोस्त सुनील के साथ अपने पिता के घर पहुंचा था।
सभी आरोपितों ने फायरिंग कर सुषमा और सुखराम की हत्या कर दी थी और अभिषेक का अपहरण कर ले गए थे। छह दिन बाद अभिषेक का शव बरामद हुआ था। उसके शरीर पर चोटों के कई निशान थे। उसकी गला घोंटकर हत्या की गई थी। पुलिस ने चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सभी के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में पेश की गई थी।
एक के नाबालिग होने पर पत्रावती कर दी गई थी अलग
आरोपित सुनील ने खुद को नाबालिग बताया था, इसलिए उसकी पत्रावती को अलग कर दिया गया। अन्य आरोपित मनीष, कल्लू और वीरेंद्र को न्यायालय ने 28 जनवरी 2022 को दोषी करार देते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई थी।
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सजा के अनुमोदन के लिए उच्च न्यायालय को पत्र भेजा गया था। इस बीच तीनों दोषियों द्वारा सत्र न्यायालय के आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अपील प्रस्तुत की गई। जो विचाराधीन है।
तिहरे हत्याकांड में सुनील को भी किया गया दंडित
परीक्षण के दौरान सुनील के बालिग होने की पुष्टि हुई तो मामला सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर दो में भेज दिया गया। इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 11 गवाहों ने न्यायालय में उपस्थित होकर गवाही दी। सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने सुनील को तिहरे हत्याकांड और अपहरण का दोषी मानते हुए दंडित किया है।
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