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UP News: अब कैसे लगेगा पता? किन लोगों ने दिया सूरजपाल उर्फ 'भाेले बाबा' के आश्रम में दान, रातों-रात किया गया ये काम

Hathras Stampede Case Update News हाथरस में सत्संग के बाद मची भगदड़ से 121 लोगों की मौत हुई थी जिसके बाद से मैनपुरी के बिछवां आश्रम में पुलिस का सख्त पहरा है। मंगलवार को सत्संग के लिए लोग आते हैं आज वहां भारी पुलिसबल तैनात है। वहीं आश्रम में दीवार पर लिखे नामों को रात में ही मिटा दिया गया है।

By Sanjay Trivedi Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 16 Jul 2024 08:57 AM (IST)
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Mainpuri News: मैनपुरी के आश्रम की दीवार से मिटाए गए दानदाताओं के नाम, आश्रम का मुख्य गेट।

जागरण संवाददाता, मैनपुरी। सूरज पाल (नारायन साकार विश्व हरि) को बिछवां स्थित आश्रम के गेट के बाहर दीवार पर लिखे दानदाताओं के नाम रातों रात मिटा दिए गए। दीवार पर 200 दानदाताओं के नाम अंकित थे। जिनके द्वारा 88 लाख रुपये के दान का उल्लेख था। नाम मिटाए जाने से कई प्रकार के सवाल उठाने लगे हैं।

कुछ लोग आयकर विभाग के डर से नाम मिटाने की बात कह रहे हैं तो कुछ लोग जांच से बचने के इरादे से नाम मिटाए जाने का कयास लगा रहे हैं। वहीं सोमवार को भी आश्रम की सुरक्षा चौक चौबंद रही। बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी आश्रम के ईद-गिर्द और बैरियर के पास तैनात रहे।

रामकुटीर आश्रम के ट्रस्टी विनोद बाबू आनंद ने एसडीएम कुरावली के समक्ष आवेदन पत्र प्रस्तुत कर आश्रम में सूरज पाल का सत्य का साथ कार्यक्रम आयोजित करने के लिए अनुमति प्राप्त की थी। यह अनुमति 10 मई से 31 अक्टूबर 2024 तक मान्य थी। 10 मई से 10 जून तक आश्रम में सूरज पाल द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

सूरजपाल के आश्रम का मुख्य गेट।

दो जुलाई को हाथरस में हुई घटना के बाद आश्रम की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। लोगों का दावा था कि सूरज पाल आश्रम के अंदर मौजूद है। वहीं पुलिस ने सूरज पाल के आश्रम में न होने की बात कही थी।

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हादसे के बाद से मौजूद है भारी संख्या में पुलिस

दो जलाई से भारी संख्या में सुरक्षा कर्मी, आश्रम से लेकर जीटी रोड तक तैनात रहते हैं। आश्रम की ओर जाने वाले अनुयायियों को जीटी रोड के पास लगाए गए बैरियर पर रोक दिया जाता है। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के आश्रम की सुरक्षा में जुटे होने के कारण पुलिस विभाग के अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं। आश्रम में किसी भी प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन न होने के कारण प्रशासन ने पूर्व में दी गई आयोजन की अनुमति की उपयोगिता भी समाप्त हो गई है।

एक सत्संग के दौरान सूरजपाल और उनकी पत्नी का फाइल फोटो।

रातों−रात दीवारों की रंगाई-पुताई कर नामों को मिटा दिया

आश्रम के दोनों गेटों की दीवार पर ट्रस्ट के 200 से अधिक दानदाताओं के नाम अंकित थे। दानदाताओं द्वारा 88 लाख रुपये से अधिक की धनराशि दान दिए जाने का उल्लेख था। रातों रात दीवारों की रंगाई-पुताई कर नामों को मिटा दिया गया है।

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क्या है नाम मिटाने के पीछे की मंशा

दीवार पर अंकित नामों को क्यों मिटाया गया, इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। इसके पीछे की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का डर तो नहीं है।

एसओ बिछवां अवनीश कुमार त्यागी ने बताया कि उन्हें अनुमति वापस लिए जाने को लेकर कोई जानकारी नहीं है। बोर्ड पर लिखे नाम क्यों मिटाए गए, इसे लेकर भी कोई जानकारी नहीं हो सकी है।

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