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UP Politics: डिंपल की जीत और जयवीर की हार के ये रहे कारण, लोकसभा चुनाव में फेल हुई बीजेपी की हर रणनीति

Mainpuri Lok Sabha Seat News मैनपुरी में महाराणा प्रताप प्रतिमा प्रकरण के बाद लगे विवादित नारे ने सपा के पक्ष में बनाया माहौल। मैनपुरी सीट पर भाजपा जीत की भरकस कोशिश कर रही थी। गृह मंत्री अमित शाह भी माहौल बनाने यहां आए थे। वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनसभा की थी। मैनपुरी में एक बार फिर से भाजपा चुनाव हारी।

By Dileep Sharma Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 05 Jun 2024 07:28 AM (IST)
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Mainpuri News: मैनपुरी में जयवीर सिंह भी चुनाव हार गए।

श्रवण शर्मा, मैनपुरी। लोकसभा चुनाव में भाजपा को जोर का झटका लगा है। भाजपा की हर चुनावी रणनीति फेल साबित हुई। बीते कई चुनावों से साथ रहे रहे वर्गों की अनदेखी ने सपा की राह आसान बनाई। महाराणा प्रताप की प्रतिमा के अपमान प्रकरण में लगे विवादित नारे ने भी सपा के पक्ष में माहौल बनाया।

भाजपा के रणनीतिकार न तो नारे के प्रभाव को परख पाए और न ही हाथ से खिसकते वोट बैंक का अंदाजा लगा सके। खास मतदाताओं की उपेक्षा और नाराजगी से योजनाओं का सहारा और हिंदुत्व जैसे कार्ड भी किसी काम नहीं आए। ऐसे में सपा ने अपने गढ़ में जमकर वोट बटोरे। यादव मतदाताओं के साथ शाक्य, लोधी और अन्य वर्गों के मतों में भी जमकर सेंध लगाई। जिसका नतीजा भाजपा की करारी हार के रूप में सामने आया।

सपा ने मतदाताओं में पैठ बढ़ा दी

मैनपुरी के संसदीय चुनावों में सपा ने शुरुआत से मतदाताओं से अपनेपन के रिश्ते को बनाने और बढ़ाने की रणनीति पर काम किया। नजदीक की एटा और फर्रुखाबाद सहित प्रदेश में शाक्य चेहरों को प्रत्याशी बनाने को लेकर भी यहां के शाक्य मतदाताओं में सपा की पैठ बढ़ी।

हर वर्ग में सेंध मारी

सपा ने अन्य वर्गों को लुभाने के लिए लगातार संपर्क साधा। चुनाव प्रचार के दौरान ही पूर्व में भाजपा के साथ दिखने वाले इन वर्गों में सेंध की संभावनाएं दिख रही थीं, परंतु पार्टी की तरफ से डेमैज कंट्रोल के लिए कारगर कोशिश होती नजर नहीं आई। भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की योजनाओं के लाभार्थियों, विकास कार्याें, राम मंदिर के निर्माण के चलते बढ़त की उम्मीद लगाए रही। दूसरी तरफ उसने यादव मतदाताओं में सेंध की कोशिश की।

इस घटना से माहौल गरमाया

बसपा प्रत्याशी शिवप्रसाद यादव भी घोसी यादव समाज की उपेक्षा का मुद्दा उठा इसी रणनीति पर काम कर रहे थे। शुरुआत में इस दांव से यादव मतों में बड़ी सेंध लगने की संभावना भी जगी थी। परंतु इसी बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव के रोड शो के बाद करहल चौराहा पर लगी महाराणा प्रताप की प्रतिमा के अपमान का मामला गर्मा गया। घटना के बाद के कुछ वीडियो प्रसारित हुए, जिसमें विवादित नारा लगाते लोग दिखाई दे रहे थे। इसके बाद यादव मतों में बिखराव की संभावनाएं खत्म होती चली गईं।

सपा को रोकने में नाकाम

दूसरी तरफ गढ़ को ढहाने का दावा करने वाली भाजपा ने अपने मजबूत क्षेत्रों में जोर लगाने के बजाय सपा के मजबूत इलाकों में बढ़त रोकने में ज्यादा ताकत लगाई। सपा की बढ़त रोकने की रणनीति तो नाकाम हुई ही, भाजपा के मजबूत क्षेत्रों में सपा ने सेंध लगा डाली।

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2022 के उपचुनाव को छोड़ दें तो पूर्व के चुनावों में भाजपा भोगांव विधानसभा क्षेत्र में हर बार बढ़त लेती थी। शाक्य और लोध बिरादरी बहुल क्षेत्र में इस बार पार्टी की हार बूथ प्रबंधन पर सवाल खड़े कर रही है। वहीं मैनपुरी सदर सीट पर सपा की जीत भी चौंका रही है, क्योंकि भाजपा प्रत्याशी जयवीर सिंह इसी सीट से विधायक है। जसवंतनगर क्षेत्र में सपा की बढ़त कम जरूर हुई, परंतु इससे सपा की बड़ी जीत पर कोई असर नहीं हुआ।

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