Karhal By Election Update News करहल विधानसभा उपचुनाव में इन दिनों घमासान मचा है। पूर्व विधायक उर्मिला यादव और सांसद धर्मेंद्र यादव की बहन संध्या यादव भाजपा प्रत्याशी अनुजेश यादव के चुनाव प्रचार में जुटी हैं। यादव मतदाताओं में सेंधमारी की जुगत में लगी भाजपा अन्य दलों में खलबली मचाने में लगी है। वहीं अखिलेश यादव तेज प्रताप के लिए जनसभा करने के लिए आएंगे।
दिलीप शर्मा, जागरण, मैनपुरी। करहल विधानसभा क्षेत्र के चुनावी रण में यादव मतदाताओं का समर्थन पाने को घमासान मचा हुआ है। भाजपा ने सैफई परिवार के रिश्तेदार अनुजेश यादव को प्रत्याशी बनाकर सेंधमारी का दांव चला है।
अनुजेश की पत्नी संध्या यादव, सपा सासंद धर्मेंद्र यादव की बहन हैं और वह प्रचार में उतरी हुईं हैं। उनके साथ संध्या की सास पूर्व विधायक उर्मिला यादव भी गांव-गांव वोटों के लिए पसीना बहा रही हैं। सास-बहू की जोड़ी ने यादव मतदाताओं के समीकरणों में हलचल मचा दी है। इससे सैफई परिवार भी बेचैन हो गया है।
भाजपा का सबसे ज्यादा जोर घिरोर और बरनाहल क्षेत्र में दिख रहा है। ऐसे में सपा ने भी अपनी ताकत इन्हीं क्षेत्रों में झोंक दी है। सैफई परिवार के सदस्य इन्हीं इलाकों में प्रचार कर रहे हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव भी अब घिरोर क्षेत्र में ही जनसभा करने आ रहे हैं। सपा का गढ़ कही जाने वाली करहल विधानसभा सीट पर यादव मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। यहां सवा लाख के करीब यादव मतदाता हैं। इस सीट पर 1985 के बाद से लगातार यादव चेहरों को ही जीत मिलती रही है।
अखिलेश यादव बने थे पहली बार यहां से विधायक
2022 में सपा मुखिया अखिलेश यादव इस सीट से प्रत्याशी बने थे। अब उपचुनाव के लिए सपा ने अखिलेश यादव के भतीजे पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव को मैदान में उतारा है। दूसरी तरफ भाजपा ने इस बार रणनीति बदलते हुए यादव चेहरे के रूप में अनुजेश यादव को प्रत्याशी बनाया है। यादव चेहरा होने के साथ वह सपा सांसद धर्मेंद्र यादव के बहनोई भी हैं। उनकी मां उर्मिला यादव दो बार घिरोर विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी हैं। यह सीट 2007 के बाद परिसीमन में समाप्त हो गई थी और इसका ज्यादातर हिस्सा वर्तमान में करहल विधानसभा क्षेत्र में शामिल है।
भाजपा यादवों की सेंधमारी में जुटी
भाजपा इन सब बिंदुओं को ध्यान रख यादव मतों में सेंधमारी की कोशिश में जुट गई है। प्रत्याशी अनुजेश यादव और भाजपा नेता तो वोट मांग ही रहे हैं, सैफई परिवार की बेटी संध्या यादव और समधन उर्मिला यादव भी प्रचार में लगी हुई हैं। सास-बहू के ज्यादातर कार्यक्रम घिरोर और बरनाहल क्षेत्र के यादव बहुल गांवों में लगाए जा रहे हैं। भाजपा इस बार सपा के गढ़ को ढहाने के दावों में जुटी हैं। भाजपा की इस रणनीति की काट के लिए सपा ने भी ताकत लगा दी है।
डिंपल और धर्मेंद्र कर रहे जनसभाएं
दीवाली के बाद सपा सांसद डिंपल यादव और धर्मेंद्र यादव ने पांच दिन लगातार इन्हीं क्षेत्रों में नुक्कड़ सभाएं की थीं। सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव भी तीन सभाएं कर चुके हैं। 20 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले सैफई परिवार फिर ताकत झोंकने जा रहा है। इसकी शुरुआत शुक्रवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव की जनसभा के साथ होगी। रणनीति के तहत उनकी जनसभा के लिए घिरोर क्षेत्र के कोसमा चौराहे को चुना गया है। पार्टी के अन्य नेताओं को भी गांव-गांव भेजा रहा है और अपने समर्थकों से एकजुट रहने की अपील की जा रही है।
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