UP Politics: सपा का गढ़ ढहाने को फौज बढ़ा रही भाजपा! लोकसभा चुनाव में लगा था तगड़ा झटका
UP Politics करहल में सीट जीत की तैयारी में जुटी है भाजपा। मतदाताओं काे लुभाने के साथ भगवा दल अपनी फौज बढ़ाने की कसरत में जुट गया है। सदस्यता अभियान के सहारे क्षेत्र में ताकत बढ़ाने की रणनीति पर काम हो रहा है। सबसे ज्यादा जोर उन क्षेत्रों में है जहां भाजपा को पूर्व के चुनावों में कम समर्थन मिलता रहा है।
दिलीप शर्मा, जागरण. मैनपुरी। उपचुनाव की रणभेरी भले ही अभी नहीं बजी है, लेकिन चुनावी कुरुक्षेत्र सजना शुरू हो गया है। सपाई खेमा अपने सबसे मजबूत दुर्ग को बचाने के लिए किलेबंदी मजबूत करने में जुटा है तो भाजपा इसे ढहाने के पसीना बहाने के जुटी है।
मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट को सपा का गढ़ कहा जाता है। बीते चार चुनावों से इस सीट पर सपा का कब्जा है। वर्ष 2022 में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने पहले विधानसभा चुनाव के लिए इसी गढ़ को चुना था। तब भाजपा ने उनके सामने केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को प्रत्याशी बनाया था। चुनाव में अखिलेश यादव ने एसपी सिंह बघेल को 60 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से पराजित किया था।
अखिलेश ने दिया था भाजपा को झटका
बीते लोकसभा चुनाव में प्रदेश में भाजपा को बड़ा झटका लगा था। ऐसे में भाजपा 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल कर नुकसान की भरपाई करना चाहती है। इन 10 सीटों में करहल सीट को लेकर पूरी ताकत झोंकी जा रही है। बीते लोकसभा चुनाव में कन्नौज का सांसद बनने के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सीट छोड़ दी है और अब यहां उपचुनाव होना है।
केवल एक बार जीती है भाजपा
इसी सीट पर भाजपा केवल एक बार वर्ष 2002 में जीत हासिल कर सकी है। उस चुनाव में भाजपा की टिकट पर सोबरन सिंह यादव विधायक बने थे। परंतु जीतने के बाद वह सपा में शामिल हो गए और वर्ष 2007, 2012 और 2017 में सपा की टिकट पर विधायक बने। करहल विधानसभा क्षेत्र सैफई से सटा हुआ है। स्व. मुलायम सिंह यादव करहल के जैन इंटर कालेज में शिक्षक रहे थे। ऐसे में सैफई परिवार की यहां लंबे समय से गहरी पैठ चली आ रही है। ऐसे में उपचुनाव में जीत हासिल करना विरोधियों के लिए आसान नहीं।
चुनौती को समझ रही बीजेपी
भाजपा इस चुनौती को समझ रही है। ऐसे में सबसे पहले पार्टी की ताकत बढ़ाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है। संगठन सदस्यता अभियान के सहारे क्षेत्र में पार्टी के विस्तार की कोशिश में लगा हुआ है। विधानसभा क्षेत्र में एक लाख नये सदस्य बनाने के लक्ष्य को लेकर काम हाे रहा है। इसके लिए हर बूथ पर चार-चार नेताओं की टोलियां बनाई गई हैं।
प्रतिदिन कार्य की समीक्षा
प्रतिदिन इनके कार्य की समीक्षा की जा रही है। इसके लिए जिला स्तर पर पांच सदस्यीय निगरानी समिति भी बनाई गई है। भाजपना ने इस बार इस करहल सीट को जीतने के लिए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय व जयवीर सिंह और राज्यमंत्री अजीत पाल को प्रभारी बनाया है। ये सभी भी रणनीति पर अमल कराने को निगरानी में जुटे हैं।
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संगठन का सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए जिला स्तर और बूथ स्तर पर टोलियां बनाई गई हैं। आगामी उपचुनाव में भाजपा इस सीट पर जीत हासिल करेगी। राहुल चतुर्वेदी, जिलाध्यक्ष भाजपा