केंद्र की योजनाओं के साथ सफलता की कहानी गढ़ रही गांव की गृहणियां, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से लाखों महिलाएं बनीं लखपति
केंद्र में पहली बार सत्ता संभालने के बाद नरेन्द्र मोदी सरकार ने गांवों की महिलाओं का स्तर सुधारने और स्वराेजगार से उनको लखपति बनाने के लिए मैनपुरी को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में शामिल किया था। वर्ष 2014-15 में चयनित मैनपुरी की गांव-देहात में निवास करने वाली आधी आबादी को योजना से ऐसे पंख लगे कि अब यहां की महिलाएं हर साल सफलता के पायदान पर चढ़कर नाम चमका रही।
श्रवण शर्मा, मैनपुरी। 10 साल, केंद्रीय योजनाओं का साथ लेकर जनपद के गांवों में रहने वाली महिलाएं आज सफलता की कहानी गढ़ रही है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की पतवार थामकर समूह के माध्यम से स्वरोजगार अपनाने वाली 10 हजार से अधिक महिलाएं घर की देहरी पार करके लखपति बन गई हैं।
खेती-बागवानी, पशु-मत्स्य पालन के अलावा कुटीर उद्योग को अपनाकर गांवों की नारियां आज जनपद छोड़िए, राज्य स्तर पर अपनी सफलता का झंडा बुलंद कर रहीं हैं।
केंद्र में पहली बार सत्ता संभालने के बाद नरेन्द्र मोदी सरकार ने गांवों की महिलाओं का स्तर सुधारने और स्वराेजगार से उनको लखपति बनाने के लिए मैनपुरी को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में शामिल किया था। वर्ष 2014-15 में चयनित मैनपुरी की गांव-देहात में निवास करने वाली आधी आबादी को इस योजना से ऐसे पंख लगे कि अब यहां की महिलाएं हर साल सफलता के पायदान पर चढ़कर नाम चमका रही हैं।
खेती-बागवानी, पशु-मत्स्य पालन के अलावा कुटीर उद्योग और कुपोषित बच्चों, गर्भदात्री महिलाओं के लिए यह दीदियां पौष्टिक व्यंजन भी प्लांट में तैयार कर रही हैं। समूह की महिलाएं मनरेगा में मेट का दायित्व संभालने के अलावा राशन की दुकान भी संचालित करने लगी हैं।
सर्वे में 10 हजार महिलाएं लखपति
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से गांवों की महिलाओं का जीवन स्तर बदल रहा है। समूह बनाकर यह महिलाएं स्वयं और अन्य आर्थिक संपन्नता से जुड़ रही है। मिशन की शुरुआत के बाद से दो साल पहले तक जनपद की 10 हजार से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं।वर्ष 2022 में गांव की 1.06 लाख महिलाओं पर हुए सर्वे के दौरान 26 हजार के करीब ऐसी महिलाएं भी चिह्नित हुई, जिनकी आय 25 हजार से कम निकली, जबकि 422 महिलाओं की सालाना आय 25 से 60 हजार के बीच सामने आई। यह सर्वे सामुदायिक संदर्भ व्यक्ति (सीआरपी) महिलाओं ने किया था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।इस बार भी सर्वे
समूह से जुड़ी कितनी और महिलाएं लखपति बन गई हैं, इसके लिए इस बार भी सर्वे होने लगा है। जनपद में मोबाइल एप पर होने वाले सर्वे के लिए 416 सीआरपी को जिम्मेदारी सौंपी गई हे। 80 महिलाओं के सर्वे के लिए एक सीआरपी को जिम्मेदार बनाया गया है। सर्वे में जनपद 33241 समूह की महिलाओं को शामिल किया गया है।1.04 लाख परिवार आच्छादित
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जनपद के एक लाख परिवारों का सहारा बना है। मिशन के कार्यक्रम से समूह की जुड़ी महिलाओं के 1.06 लाख से अधिक परिवार आच्छादित हाे रहे हैं। मिशन का यह कार्यक्रम गांव की गरीब और मध्यम वर्ग की महिलाओं के लिए स्वरोजगार का माध्यम बने हैं।ऐसे बनते गए समूह
साल | गठित समूह |
2014-15 | 339 |
2015-16 | 525 |
2016-17 | 957 |
2017-18 | 1906 |
2018-19 | 3280 |
2019-20 | 5264 |
2020-21 | 7413 |
2021-22 | 9330 |
2022-23 | 10040 |
2023-24 | 10167 |
2022 में हुआ सर्वे का आंकड़ा
- 106726 महिलाओं पर होना था सर्वे।
- 100753 महिलाएं हुई सर्वे में शामिल।
- 26893 महिलाओं की आय 25 हजार से कम।
- 422 महिलाओं की आय निकली 25 से 60 हजार।
- 21903 महिलाओं की आय निकली 61 से एक लाख
- 10996 महिलाओं की आय निकली एक लाख से अधिक।
नोट- आय सालाना रुपये में।
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