'अबकी बार 400 पार...' नारे पर हो गया विवाद, यूपी के इस कवि ने चुनाव आयोग को भेजी शिकायत, BJP के IT सेल पर लगाए आरोप
लोकसभा चुनावों में इस बार अबकी बार 400 पार का नारा खूब गूंज रहा है। भाजपा की रैलियों में इसी नारे से माहौल बन रहा है। चुनावी संग्राम में हिट हो चुके इस नारे पर जिले के एक कवि ने अपना अधिकार जता दिया है। कवि का दावा है कि यह नारा उनकी एक कविता से लिया गया है जिसे उन्होंने चार साल पहले फेसबुक पर पोस्ट किया था।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी। लोकसभा चुनावों में इस बार अबकी बार 400 पार का नारा खूब गूंज रहा है। भाजपा की रैलियों में इसी नारे से माहौल बन रहा है। चुनावी संग्राम में हिट हो चुके इस नारे पर जिले के एक कवि ने अपना अधिकार जता दिया है।
कवि का दावा है कि यह नारा उनकी एक कविता से लिया गया है, जिसे उन्होंने चार साल पहले फेसबुक पर पोस्ट किया था। कवि ने नारे के इस्तेमाल पर आपत्ति जताते हुए चुनाव आयोग को शिकायत भेजी है।
तहसील भोगांव के गांव कमलपुर निवासी अवध बिहारी मिश्रा ने यह शिकायत भेजी है। शिकायत में कहा गया है कि वह कविता लेखन करते हैं। पांच अगस्त 2019 को उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक कविता पोस्ट की थी।
यह कविता के बोल थे बिना बताए करते हो मोदी गड़बड़ हर बार, लेकिन हम गड़बड़ नहीं करेंगे अबकी बार, 370 35 = 405 हुए, हां हुए तो फिर यार, 2024 की संसद में होगी संख्या 400 पार। अवध बिहारी का आरोप है कि भाजपा के आईटी सेल द्वारा इस कविता को उठाकर नारा बनाया गया है, जो हिट होकर लोगों का पसंदीदा नारा बन गया है। इस नारे को बनाने में उनके योगदान को अनदेखा किया जा रहा है। जो उचित नहीं है। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि भाजपा के इस नारे पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाए।
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