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एसआइटी ने कदमों से नापी हास्टल की दूरी

मंगलवार दोपहर मैनपुरी पहुंच जांच में जुटे एडीजी भानु भाष्कर स्कूल में जाकर फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ एक घंटे तक की पड़ताल

By JagranEdited By: Updated: Wed, 29 Sep 2021 06:21 AM (IST)
एसआइटी ने कदमों से नापी हास्टल की दूरी
एसआइटी ने कदमों से नापी हास्टल की दूरी

संसू, भोगांव: छात्रा दुष्कर्म-हत्याकांड के राजफाश में जुटी एसआइटी के सदस्यों ने स्कूल में जाकर मुख्य द्वार से हास्टल तक की दूरी को कदमों से नापकर कई घंटे तक गहनता से पड़ताल की। वहीं दोपहर में एसआइटी अध्यक्ष एडीजी भानु भाष्कर ने अधिकारियों के साथ स्कूल में जाकर सर्विलांस टीम के साथ जांच शुरू की।

मंगलवार सुबह सीओ तनु उपाध्याय के साथ स्कूल में पहुंची महिला पुलिस कर्मियों ने छात्रा के हास्टल से लेकर मुख्य द्वार तक की दूरी को कदमों से नापा। इसके बाद हास्टल में जाकर कई बिदुओं पर जांच की। दोपहर में एडीजी कानपुर भानु भाष्कर प्रशासनिक अमले के साथ जिले में पहुंचे। एडीजी ने सबसे पहले सर्किट हाउस में टीम से जानकारी जुटाई। कुछ देर बाद एडीजी ने स्कूल में जाकर जांच की। फोरेंसिक टीम के साथ स्कूल में पहुंचे एडीजी ने हास्टल में जाकर क्राइम सीन पर जांच शुरू कराई। लगभग एक घंटे तक फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ एडीजी ने हास्टल और उससे सटी दीवार के पास जांच प्रक्रिया को पूरा कराया। एडीजी की मौजूदगी में फोरेंसिक विभाग की टीम ने हास्टल के कमरे में घटना के बाद मिले साक्ष्यों को जुटाया। एक घंटे की पड़ताल के बाद एडीजी स्कूल से चले गए। हालांकि देर शाम तक फोरेंसिक और स्पेशल टास्क फोर्स के एएसपी राकेश यादव के नेतृत्व में कई टीमें हास्टल में जांच करती रहीं। स्कूल स्टाफ, संदिग्धों के डीएनए की दोबारा होगी जांच

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: छात्रा दुष्कर्म-हत्याकांड की जांच में जुटी एसआइटी अपनी जांच के हिसाब से डीएनए मिलान की प्रक्रिया में भी जुट गई है। स्कूल स्टाफ के सदस्यों सहित दो दर्जन से अधिक संदिग्धों के डीएनए परीक्षण कराने के लिए मंगलवार को ब्लड सैंपल लिया गया। एसआइटी की निगरानी में पूरी प्रक्रिया हुई।

एएसपी और सीओ के विरुद्ध शुरू हुई विभागीय जांच

एसआइटी के गठन से पहले हाईकोर्ट की सख्ती के बाद निलंबित हुए मैनपुरी के तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश सिंह, तत्कालीन सीओ भोगांव प्रयांक जैन की विभागीय जांच शुरू हो गई है। दोनों अधिकारियों की विभागीय जांच के बाद शासन अग्रिम निर्णय लेगा। आइजी स्तर के अधिकारी से जांच कराए जाने की संभावना है।