Mainpuri; जीने का जज्बा; पैरों को हाथ बना भाग्य से लड़ रही 'भाग्या', दिव्यांग बेटी के लिए सीमा ने मांगी मदद
Story Of Two Year Old Girl पैरों को हाथ बना खुद का हौसला बनी भाग्या। नहीं हैं हाथ सोशल मीडिया पर पैर की उंगली से चिप्स खाने का वीडियो प्रसारित होने पर चर्चा में आई। मजदूर पिता ने आर्थिक तंगी के कारण उपचार में जताई समस्या। मां सीमा ने बच्ची के इलाज के सहयोग में शासन से मांगा है सहयोग। दो साल की बच्ची पैरों से खांती है चिप्स।
मैनपुरी−बिछवां, जागरण संवाददाता, (संदीप मिश्रा)। किसी ने सच ही कहा है कि कुदरत यदि कुछ छीनती है तो बहुत कुछ देती भी है। दो वर्ष की मासूम भाग्या के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। जन्म से ही हाथ विकसित नहीं थे। आर्थिक तंगी से जूझते पिता ने उपचार में असमर्थता जता दी।
शुक्रवार को सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो अचानक चर्चा में आया, जिसमें दिव्यांग बालिका अपने पैरों की उंगलियों से चिप्स खाती दिख रही है। लोगों द्वारा मासूम के हौसले को लेकर चर्चा की जा रही है।
जन्म से ही दिव्यांग है भाग्या
क्षेत्र के गांव नगला उजीर निवासी भानुप्रताप कश्यप की दो वर्षीय पुत्री भाग्या जन्म से ही दिव्यांग है। मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करने वाले भानु प्रताप का कहना है कि जन्म के बाद उन्हें उम्मीद थी कि बड़ी होने के साथ बेटी के अंग विकसित होने लगेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। धनाभाव के कारण वे उपचार भी नहीं करा सकते। शुक्रवार दोपहर वायरल वीडियो में मासूम भाग्या को जब लोगों ने एक दुकान के बाहर पैरों की उंगलियों से चिप्स खाते देखा तो चर्चा तेज हो गई।
शासन ने मांगी बेटी के लिए मदद
देखते ही देखते मासूम का वीडियो कई लोगों तक पहुंच गया। पिता का कहना है कि दिन भर में मजदूरी करके वे तीन-चार सौ रुपये की कमा पाते हैं। ऐसे में मासूम का उपचार कराना संभव नहीं है। उन्होंने शासन से आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराने की मांग की है।
मां सीमा का कहना है कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है। नासमझ होने के बावजूद मासूम पैरों से ही अपने कार्य कर रही है। यदि उपचार मिलेगा तो हो सकता है स्थिति में सुधार हो सके।