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हाथरस हादसे के बाद आखिर कहां है सूरजपाल उर्फ 'भाेले बाबा'?, वीडियो ने उलझाई लोकेशन, मैनपुरी के आश्रम पहुंच रहे अनुयायी

UP News हाथरस में सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 की मौत हुई थी। कई अभी भी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। सूरजपाल उर्फ भोले बाबा का वीडियो जरूर सामने आया है। लेकिन अभी कथित बाबा सामने नहीं आया है। उसकी लोकेशन का पता नहीं लग रहा है। कोई आश्रम के अंदर होने की बात कर रहा है तो कोई यूपी से बाहर होने की।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 07 Jul 2024 03:18 PM (IST)
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सूरजपाल का मैनपुरी जिले में बना आश्रम।

जागरण संवाददाता, मैनपुरी। वीडियो ने उलझाई सूरजपाल की लोकेशन की गुत्थी। कुछ अनुयाइयों ने बाबा के आश्रम के अंदर ही होने की बात कही थी। जबकि पुलिस इससे लगातार इनकार रही है। इस बीच शनिवार को सूरजपाल (नारायण साकार हरि) ने हादसे को लेकर अपना बयान वीडियो के माध्यम से इंटरनेट मीडिया पर जारी किया।

वीडियो कब और कहां बनाया गया है, यह बात सामने नहीं आई। कुछ लोग दिल्ली में वीडियो बनाए जाने की बात कह रहे हैं। हालांकि कुछ लोगों का दावा है कि शनिवार सुबह चार बजे वीडियो बनाने के लिए संबंधित उपकरण आश्रम के अंदर पहुंचाए गए थे और किसी भक्त ने माइक पकड़कर वीडियो शूट किया है। दूसरी तरफ पुलिस अब भी मौजूदगी से इनकार रही है।

सुरक्षा को और किया कड़ा

वीडियो जारी होने से पहले शुक्रवार रात ही आश्रम की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। शुक्रवार मध्यरात्रि को सीओ भोगांव सुनील कुमार सिंह आश्रम पहुंचे थे। उन्होंने सुरक्षा की जानकारी ली। इसके बाद मुख्य द्वार के बाहर क्यूआरटी की गाड़ी खड़ी करा दी गई है। दूसरे गेट पर भी पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ गई है। इसके अलावा आश्रम के चारों ओर, विशेष तौर पर पीछे भी पीएसी कर्मी तैनात किए गए हैं।

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मीडियाकर्मियों की भीड़ शनिवार को भी आश्रम के बाहर लगी रही। कई मीडिया कर्मियों ने आश्रम प्रशासन से संपर्क साधने का प्रयास किया, परंतु सफलता नहीं मिली।

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आश्रम पर पहुंचे 100 अनुयायी

हाथरस हादसे के बाद भी अनुयाइयों में बाबा सूरजपाल (नारायण साकार हरि) के प्रति विश्वास कम नहीं हुआ है। शनिवार को भी अलग-अलग 100 से अधिक अनुयायी आश्रम पर पहुंचे। अंदर जाने की अनुमति न मिलने पर गेट के बाहर ही नमन कर वापस लौट गए।

रात में बंद कर दी जाती है आश्रम के बाहर की लाइट

बिछवां आश्रम के बाहर रोशनी के लिए हाईमास्ट लाइटें लगी हुई हैं। गुरुवार रात तक यह लाइटें अंधेरा होते ही जला दी जाती थीं। परंतु शुक्रवार रात में इनको बंद कर दिया गया। जिससे आश्रम के बाहर अंधेरा छाया रहा। शनिवार रात को भी लाइटें बंद रहीं। 

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