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Manipuri News: मैनपुरी में जर्जर भवन दे रहे हादसे को दावत, नगर पालिका नहीं ले रही सुध

नगर के लेनगंज बाजार में सब्जी मंडी का मुख्य द्वार का निर्माण वर्षों पूर्व किया गया था। देखरेख के अभाव में ये द्वार पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। यहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में नगर और ग्रामीण क्षेत्र खरीदारी के लिए भीड़ पहुंचती है। सुबह और शाम सब्जी मंडी में महिलाओं पुरुषों और बच्चों की सब्जी लेने के लिए आने वालों को हर समय खतरा बना रहता है।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Fri, 18 Aug 2023 11:07 AM (IST)
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मैनपुरी में जर्जर भवन दे रहे हादसे को दावत, नगर पालिका नहीं ले रही सुध
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। मथुरा जैसा हादसा मैनपुरी में कभी भी हो सकता है। नगर में वर्षों पहले बने द्वार और भवन जर्जर हो चुके हैं, लेकिन नगर पालिका ने आज तक न तो इनकी मरम्मत कराने और न ही इन्हें ध्वस्त कराने की कोई सुध ली। जिससे यह कभी भी गिर सकते हैं। इनके आसपास रहने वाले और यहां से गुजरने वालों को हर समय हादसे का डर बना रहता है। पालिका के पास इन जर्जर दीवार और भवनों का कोई रिकॉर्ड तक नहीं है।

नगर के लेनगंज बाजार में सब्जी मंडी का मुख्य द्वार का निर्माण वर्षों पूर्व किया गया था। देखरेख के अभाव में ये द्वार पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। यहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में नगर और ग्रामीण क्षेत्र खरीदारी के लिए भीड़ पहुंचती है। सुबह और शाम सब्जी मंडी में महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की सब्जी लेने के लिए आने वालों को हर समय खतरा बना रहता है। सीओ कार्यालय के सामने से मंडी धर्मदास जाने वाले मार्ग पर बने द्वार गिरासू हालत में खड़े हैं।

जर्जर भवन को गिराने की करी मांग

वर्षा के कारण छत का पटान गिर चुका है। जर्जर हालत में खड़े द्वार को को गिराने की कई बार मांग की गई, लेकिन आज तक न तो नगर पालिका और न ही किसी भी जनप्रतिनिधि ने ध्यान दिया है। नगर निवासी प्रमोद दुबे बाबा, संजय पाल, राजकुमार सिंह, पवन सिंह ने बताया कि कई बार पालिका और एसडीएम को लिखित में पत्र देकर नगर के जर्जर भवन और द्वार को गिराने की मांग की, लेकिन इसको लेकर कोई सुनवाई नहीं की गई। जिससे यहां से गुजरने वालों को हर समय हादसे का डर लगा रहता है।

नगर पालिका ने आज तक नहीं ली सुध

नगर क्षेत्र में जर्जर भवन और प्रतिष्ठानों की सूची बनाकर आगे की कार्रवाई करने की जिम्मेदारी नगर पालिका के निर्माण विभाग की है, लेकिन यहां बैठे जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण इस ओर आज तक कोई ध्यान नहीं दिया गया। जब इस संबंध में नगर पालिका के ईओ लालचंद्र भारती से जानकारी की गई तो उन्होंने जर्जर भवन, द्वार और प्रतिष्ठानों की देखरेख की जिम्मेदारी विनियमित विभाग की है।

विनियमित क्षेत्र के अधिकार में नहीं आती कार्रवाई

अवर अभियंता एसके प्रजापति ने बताया कि हमारा अधिकार क्षेत्र बाढ़ ग्रस्त एरिया या प्रतिबंधित क्षेत्र में निर्माण को रोकना और निर्माण के नक्शे पास करना है। जर्जर भवन की देखरेख की जिम्मेदारी निकाय की होती है।

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