UP By Election: तेज प्रताप सिंह सपा का किला बचाएंगे या भाजपा लगाएगी सेंध, कैसा है करहल विधानसभा का गणित?
UP Assembly By Election Karhal Vidhan Sabha Seat करहल चुनावी घमासान के लिए तैयार हो गया है। यहां सपा का गढ़ बचाने के लिए मैदान में पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव उतरे हैं। वहीं भाजपा में संघमित्रा अनुजेश और सलोनी के नाम पर मंथन चल रहा है। इस सीट पर चार बार लगातार भाजपा को हार मिली है। बसपा भी यहां से अपना प्रत्याशी खड़ा करेगी।
दिलीप शर्मा, जागरण. मैनपुरी। उपचुनाव की रणभेरी गूंजने के साथ करहल में घमासान की शुरुआत हो गई है। सपा का गढ़ कही जाने वाली इस सीट से पार्टी मुखिया अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद उपचुनाव होने जा रहा है।
अखिलेश यादव ने इस सीट पर कब्जा बरकरार रखने को अपने भतीजे पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव पर दांव लगाया है। दूसरी तरफ भाजपा कई महीनों से इस गढ़ ढहाने के लिए पसीना बहाने में जुटी है, हालांकि अब तक प्रत्याशी घोषित नहीं हुआ।
भाजपा के ये नाम हैं खास
यहां मैदान में उतारने के लिए केसरिया खेमा अनुजेश यादव, सलोनी बघेल और डा. संघमित्रा मौर्य के नाम पर मंथन कर रहा है। अनुजेश यादव सपा सांसद धर्मेंद्र यादव की सगी बहन संध्या यादव के पति हैं, जबकि सलोनी बघेल केंंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल की पुत्री हैं। पूर्व सांसद डा. संघमित्रा मौर्य मैनपुरी से भी लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं। वहीं बसपा भी ताल ठोकने को तैयार है और माना जा रहा है कि बसपा शाक्य प्रत्याशी पर दांव लगा सकती है।अखिलेश ने पहली बार लड़ा था यहां से चुनाव
करहल विधानसभा सीट सपा मुखिया अखिलेश यादव के गांव सैफई से सटी हुई है। इस क्षेत्र में स्व. मुलायम सिंह यादव के समय से सपा का दबदबा बना हुआ है। पूरे सैफई परिवार की यहां गहरी पैठ मानी जाती है। यादव मतों की बहुलता वाली इस विधानसभा सीट पर वर्ष 1993 से 2022 तक हुए सात विधानसभा चुनावों में से छह बार सपा जीती हैं, जबकि भाजपा केवल एक बार वर्ष 2002 में जीत तक पहुंची थी। बीते चार चुनावों से सपा लगातार विरोधियों को पछाड़ रही है। इसके चलते ही वर्ष 2022 में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपना पहला विधानसभा चुनाव इसी सीट पर लड़ा था। तब भाजपा ने केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल को मैदान में उतारा था, परंतु उनको 67 हजार से अधिक वोटों के अंतर से पराजय का सामना करना पड़ा था।
कन्नौज से सांसद चुनने के बाद छोड़ी सीट
पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनाव में कन्नाैज लोकसभा सीट से सांसद बनने के बाद अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट से त्यागपत्र दिया है। उपचुनाव में अखिलेश यादव की विरासत संभालने के लिए सपा ने पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव को प्रत्याशी घोषित किया है।
तेजप्रताप यादव वर्ष 2014 में हुए लोकसभा उपचुनाव में सांसद बने थे। उसके बाद से वह हर चुनाव में पार्टी के लिए यहां सक्रिय रहे हैं। बीते कई चुनावों से सपा के साथ सीधा मुकाबला करने वाली भाजपा इस बार करहल सीट को जीतने के दावों में जुटी है।
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