Bhole Baba: क्या यूपी के इस आश्रम में छिपकर बैठा है सूरजपाल उर्फ 'साकार विश्व हरि'? रोज माथा टेकने आ रहे अनुयायी
UP News हाथरस में भगदड़ के बाद 121 लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस मुख्य आयोजक को गिरफ्तार कर चुकी है। हादसे के इतने दिन बाद भी कथित भोले बाबा उर्फ सूरजपाल की लोकेशन ट्रेस नहीं हो सकी है। लेकिन कयास लगाए जा रहे है कि वो मैनपुरी आश्रम में मौजूद है। यहां रोजाना अनुयायी आ रहे हैं। पुलिस का भी सख्त पहरा है।
संवाद सूत्र, बिछवां (मैनपुरी)। रामकुटीर आश्रम के बाहर छठवें दिन भी भारी संख्या में फोर्स तैनात रहा। पुलिस और पीएसी के जवान आश्रम के चारों तरफ तैनात है। आश्रम की कड़ी सुरक्षा को देखते हुए सूरज पाल (नारायण साकार विश्व हरि) के आश्रम के अंदर ही होने के कयास लगाए जा रहे हैं। पुलिस के अधिकारी, साकार विश्व हरि के आश्रम में मौजूद न होने का दावा कर रहे हैं।
मंगलवार को हाथरस में हुई घटना के बाद देर शाम आश्रम की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। तभी बड़ी संख्या में आश्रम के आसपास फोर्स को तैनात किया गया है। आश्रम की ओर जाने वाले मार्ग पर बैरियर लगा दिया गया है। बैरियर पर एक थानाध्यक्ष को बड़ी संख्या में फोर्स के साथ तैनात रखा जाता है। किसी भी व्यक्ति को आश्रम की ओर जाने की अनुमति नहीं है। रविवार को भी आश्रम की सुरक्षा चाक चौबंद रही।
पुलिस और पीएएसी के जवान करते रहे गश्त
सीओ कुरावली संजय वर्मा, एसओ बिछवां अवनीश त्यागी, एसओ किशनी महाराज सिंह भाटी फोर्स के साथ आश्रम की सुरक्षा में तैनात रहे। इसके साथ ही पीएसी के जवान भी आश्रम के ईद-गिर्द गश्त करते रहे।
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तमाम रोक-टोक के बाद भी साकार विश्व हरि के अनुयायी खेतों के रास्ते से होकर आश्रम पर पहुंच रहे हैं। अंदर जाने की अनुमति न होने के कारण बाहर से माथा टेककर लौट जाते हैं।
बिछवां स्थित राम कुटीर आश्रम को जाने वाले मार्ग पर तैनात पुलिस फोर्स।
बिछवां क्षेत्र में टिके हैं 200 से अधिक अनुयायी
स्थानीय लोगों का दावा है कि साकार विश्व हरि के 200 से अधिक अनुयायी अभी भी बिछवां क्षेत्र में टिके हैं। ये सभी अनुयायी गैर जिलों के निवासी हैं। जो बिछवां और आसपास के क्षेत्र में किराये पर घर लेकर निवास कर रहे हैं।
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दावा किया जा रहा है कि हादसे से पहले बिछवां क्षेत्र में 500 से अधिक अनुयायी 10 मई से टिके हुए थे। जो क्षेत्र में रहकर मजदूरी करते थे और सुबह-शाम आश्रम पर जाकर साकार विश्व हरि को नमन करते थे। पुलिस के कड़े पहरे के कारण अब अनुयायी दूर से ही आश्रम की ओर माथा टेक कर लौट रहे हैं।