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विदेशी गाय के दूध से हो रहा मधुमेह

जागरण संवाददाता, मथुरा: देसी गाय का दूध इंसान के शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है। जबकि विद

By Edited By: Updated: Tue, 02 Feb 2016 12:16 AM (IST)
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जागरण संवाददाता, मथुरा: देसी गाय का दूध इंसान के शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है। जबकि विदेशी नस्ल की गायों के दूध से मधुमेह (डायबिटीज) जैसे रोग हो रहे हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान में आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी में वैज्ञानिकों ने दावा किया।

सोमवार को 'शुष्क क्षेत्रों में देसी गोवंशीय पशुओं के दुग्ध उत्पादन वृद्धि, संरक्षण एवं संवधर्न हेतु कार्य योजनाओं का निर्धारण' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय पशु आनुवंशिकी संसाधन ब्यूरो करनाल के निदेशक डॉ. आर्जव शर्मा ने बताया कि देसी गायों के दूध में पोषक तत्व ए-2 पाया जाता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला है। विदेशी गायों में यह न के बराबर होता है। यहीं के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. डीके सदाना ने बताया कि देसी गाय के दूध से बीमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित होती है। जबकि विदेशी गायों के दूध में मिलने वाले ए-1 से डायबिटीज और अन्य बीमारियां पनप रही हैं। गाय का गोबर और मूत्र भी खेती के लिए उपयोगी है। डॉ. पीके ¨सह ने बताया कि अभी तक पहचान की गई 39 नस्लों वाली देशी गायों का पंजीकरण किया गया है। इनमें साहीवाल, गिरि, हरियाणा, थारपारकर आदि शामिल हैं।

गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए विवि के कुलपति प्रोफेसर डॉ. एसी वाष्र्णेय ने बताया कि प्रदेश में लगभग 450 गौशालाएं हैं। इनमें अधिकांश ब्रज में हैं। वैज्ञानिक अपने ज्ञान से देशी गाय को किसान के घर के शान बनाएं। यही विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी सफलता होगी। वेटरिनरी कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. एसके गर्ग ने गो पालकों से प्रबंधन एवं खानपान की जानकारी वैज्ञानिकों से लेने की सलाह दी। कार्यक्रम में प्रगतिशील किसान और गोशाला संचालक सम्मानित किए गए। सेमिनार में डॉ. अंबिका शर्मा, मधू तिवारी, डॉ.गुलशन, डॉ.मान ¨सह, डॉ.अनूप कालरा, डॉ.ज्ञानी, डॉ.सुबोध, डॉ.राजेश कपूर मौजूद रहे। संगोष्ठी में गो अनुसंधान संबंधित पुस्तिका, गाय के लिए संतुलित आहार चक्र, आयुर्वेद पत्रिका का विमोचन भी किया।