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Mathura-Vrindavan Kumbh Mela 2021: मथुरा-वृंदावन में होने वाले कुंभ को 'संत समागम' का नाम देने पर नहीं बन रही सहमति

अगले साल फरवरी में वृंदावन में यमुना किनारे शुरू हो रहे कुंभ को शासन ने संत समागम का नाम दिया है। इसे लेकर संतों और ब्रजवासियों में आक्रोश है। मुख्यमंत्री ने खुद कहा था कि परंपराओं के इतर कोई भी काम नहीं होगा।

By Edited By: Updated: Mon, 21 Dec 2020 02:33 PM (IST)
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मथुरा वृंदावन में अगले साल होने वाले कुंभ की तैयारियां शुरू हो गई हैं।

मथुरा, जेएनएन। अगले साल फरवरी में वृंदावन में यमुना किनारे शुरू हो रहे कुंभ को शासन ने संत समागम का नाम दिया है। इसे लेकर संतों और ब्रजवासियों में आक्रोश है। एक साल पहले जब संत समागम नाम को लेकर वृंदावन के संतों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने अपना विरोध दर्ज करवाया तो मुख्यमंत्री ने खुद कहा था कि परंपराओं के इतर कोई भी काम नहीं होगा। बावजूद इसके अब तक इसे कागजों में संत समागम ही लिखा जा रहा है। ऐसे में संत, तीर्थपुरोहित, मंदिर सेवायत अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं। ऊर्जामंत्री और उप मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद भी अब तक नाम के बारे में कोई निर्णय नहीं हो सका है। ब्राह्मण सेवा संघ ने सीएल शिशु शिक्षा निकेतन में बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता चंद्रलाल शर्मा ने की। जिन्होंने कहा वृंदावन का कुंभ मेला सदैव से वैष्णव कुंभ मेला के रूप में आयोजित हुआ है। लेकिन अब कुंभ को संत समागम बताकर ब्रज वासियों की आस्था, कुंभ की महिमा तथा परंपरा से छेड़छाड़ हो रही है। चतु: संप्रदाय महंत फूलडोल बिहारी दास, आचार्य आनंदबल्लभ गोस्वामी ने कहा कि स्थानीय प्रशासन तथा जनप्रतिनिधि भी इस बात को स्वीकार कर चुके हैं, लेकिन नाम पर भ्रम दूर नहीं हुआ। मृदुलकांत शास्त्री, का‌िर्ष्ण नागेंद्रदत्त गौड़, सत्यभान शर्मा, डा. मनोजमोहन शास्त्री ने कहा अब आंदोलन का रास्ता अपनाना होगा। बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया कि कुंभमेला को संत समागम के रूप में स्थापित किया गया तो आंदोलन किया जाएगा। कृष्णचंद्र गौतम छीता, जगदीश नीलम, राजेश किशोर गोस्वामी, रसिक बिहारी शास्त्री, आचार्य शिवांश भाई मिश्र, रमेश चंद्र शास्त्री, संतोष चतुर्वेदी, ब्रजेश शर्मा, रामजीवन शर्मा, नरेंद्र शर्मा, सर्वेश तिवारी, तपेश पाठक, नीरज गौड़ मौजूद रहे।

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