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श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में एक और वाद दायर, वादी ने की गर्भगृह में नोटिस लगाने की मांग; बोले- असली शाही मस्जिद...

श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में एक और वाद दायर हुआ। दिल्ली के अधिवक्ता पीवी रघुनंदन ने सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में वाद दायर कर कहा है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर जो वर्तमान गर्भगृह है वह वास्तविक नहीं है। वास्तविक गर्भगृह को तोड़कर उसके ऊपर शाही मस्जिद ईदगाह का निर्माण किया गया है। इसलिए गर्भगृह में नोटिस लगाकर श्रद्धालुओं को ये बताया जाए कि ये वास्तविक गर्भगृह नहीं है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 24 Jan 2024 04:17 PM (IST)
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श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में एक और वाद दायर, वादी ने कोर्ट से की ये बड़ी मांग
जागरण संवाददाता, मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में बुधवार को एक और वाद दायर हुआ। दिल्ली के अधिवक्ता पीवी रघुनंदन ने सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में वाद दायर कर कहा है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर जो वर्तमान गर्भगृह है, वह वास्तविक नहीं है।

वास्तविक गर्भगृह को तोड़कर उसके ऊपर शाही मस्जिद ईदगाह का निर्माण किया गया है। इसलिए गर्भगृह में एक नोटिस लगाकर श्रद्धालुओं को ये बताया जाए कि ये वास्तविक गर्भगृह नहीं है। इस मामले में अभी सुनवाई की तिथि तय नहीं हो पाई है।

इन लोगों को बनाया गया प्रतिवादी

वीपी रघुनंदन ने दायर वाद में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी, सचिव, निदेशक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, सचिव धार्मिक मामलों के निदेशालय, उत्तर प्रदेश सरकार, नगर निगम, राज्य पुरातत्व विभाग को प्रतिवादी बनाया है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान गर्भगृह में ये लिखा है कि भगवान श्रीकृष्ण ने यहां जन्म लिया था, जबकि कंस की जिस कारागार में भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था। उसी असली गर्भगृह के ऊपर वर्ष 1669-70 में मुगल शासक औरंगजेब ने तुड़वाकर शाही मस्जिद ईदगाह का निर्माण किया।

इसलिए न्यायालय श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को ये आदेश दे कि गर्भगृह में ये नोटिस लगाया जाए कि ये गर्भगृह वास्तविक नहीं है। वादी के अधिवक्ता पंकज जोशी ने बताया कि इस मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन अनुपमा सिंह ने वाद को स्वीकार कर लिया है, अभी सुनवाई के लिए तिथि नियत नहीं की गई है।

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