Move to Jagran APP

Banke Bihari Mandir: कामदा एकादशी पर फूलबंगला में बैठ भक्तों को दर्शन देंगे ठाकुरजी, सदियों पुरानी है परंपरा

Mathura News हरियाली अमावस तक चलेगी प्राचीन परंपरा। परंपरा की शुरुआत ठा. बांकेबिहारी के प्राकट्यकर्ता स्वामी हरिदास ने की थी भक्तगण अभी तक कर रहे पालन। हर दिन सजता है फूल बंगला। कामदा एकादशी से चार महीने तक चलेगी फूल बंगला की सेवा।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sat, 01 Apr 2023 09:13 AM (IST)
Hero Image
Mathura News: फूलबंगला में बैठ भक्तों को दर्शन देंगे ठाकुर बांकेबिहारी।

संवाद सहयोगी, वृंदावन मथुरा। कामदा एकादशी शनिवार को है। ठा. बांकेबिहारी देसी-विदेशी फूलों से सजे दिव्य फूलबंगला में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। गर्मी बढ़ने पर करीब चार महीने तक फूलबंगला सजाया जाएगा, ताकि ठाकुरजी को फूलों से शीतलता दी जा सके। फूलबंगला सजाने की यह क्रम हरियाली अमावस तक चलेगा। सुबह राजभोग और शाम को शयनभोग सेवा के दौरान अलग-अलग तरह के फूलबंगला में विराजकर ठाकुरजी भक्तों को दर्शन देंगे।

हर दिन सजाया जाता है फूल बंगला

गर्मी में ठाकुरजी को शीतलता प्रदान करने के लिए हर दिन फूलबंगला सजाया जाता है। इस परंपरा की शुरुआत ठा. बांकेबिहारी के प्राकट्यकर्ता स्वामी हरिदास ने की थी। स्वामीजी गर्मी के दिनों में उन्हें शीतलता प्रदान करने के लिए पत्तियों और फूलों का डोल सजाकर भावसेवा करते थे। इसी परंपरा को उनके अनुयायियों ने जीवंत रखा है। हालांकि, अब फूलबंगला का स्वरूप बदल चुका है। अब आधुनिकता का समावेश है। विदेशी फूलों से सजे बंगला अब दिव्य और भव्य होते हैं।

अक्षय तृतीया को नहीं सजता फूल बंगला

फूलबंगला सेवा बुक कराते बड़ी संख्या में भक्त ठा. बांकेबिहारी मंदिर में फूलबंगला सेवा के लिए भक्त इतने लालायित रहते हैं कि बहुत से भक्तों को पूरे मौसम फूल बंगला सेवा का मौका ही नहीं मिलता। इस कारण अग्रिम बुकिंग होने लगी है। कामदा एकादशी से हरियाली अमावस्या तक यह सिलसिला चलता है। केवल अक्षय तृतीया को फूलबंगला नहीं सजाया जाता। इस दिन ठाकुरजी गर्भगृह में चरण दर्शन देते हैं।

चार घंटे में तैयार होता

एक बार का फूलबंगला मंदिर में हर दिन अलग डिजाइन का फूलबंगला सजता है। दोपहर में मंदिर के पट बंद होने के बाद मात्र चार घंटे में कारीगर इसे तैयार करते हैं। हालांकि, फूलों की सफाई, विदेशी फूलों का मत्था, तोरण पहले ही तैयार कर लिए जाते हैं। सुबह सजने वाले फूलबंगला के लिए कारीगर भोर में मंदिर में पहुंच जाते हैं।

रायबेल के फूलों का अधिक होता प्रयोग

ठाकुरजी जगमोहन में कलात्मक तरीके से बनाए फूलबंगला में विराजमान होते हैं। साधारण बंगलों में स्थानीय फूल और बड़े बंगला में दिल्ली, हैदराबाद, अहमदाबाद, कोलकाता, बंगलुरु से फूल मंगाए जाते हैं। रायबेल के अलावा मोगरा, गेंदा, मोतिया, गुलाब, रजनीगंधा, जूही, चंपा, केतकी, कमल के फूलों का अधिक प्रयोग होता है। 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।