Banke Bihari Mandir: ठाकुरजी की भक्त ने भेजा अनोखा पत्र, लिखा, हे गोविंद! मेरी शादी अनमोल अंबानी से करवा दो...
Mathura News In Hindi भक्त भी अपनी जिद ठाकुर बांकेबिहारी से करते हैं। आराध्य को एक भक्त ने लिखा है अनोखा पत्र। आराध्य से इच्छापूर्ति के लिए एक करोड़ मंत्रजाप भी कर रही है भक्त। ठाकुरजी के पास आते हैं पत्र।
जागरण टीम, मथुरा वृंदावन। हे गोविंद, आप मेरे मन की बात जानते ही हो, बहुत परेशान हूं, समझ नहीं आ रहा। पापा परेशान कर रहे हैं। जानती हूं शादी सही उम्र में हो जानी चाहिए। लेकिन, मेरी इच्छा भी तो जरूरी है। आप जानते हैं, मेरी इच्छा को आपके अलावा कोई और पूरा नहीं कर सकता।
अनमोल अंबानी से करनी है शादी
मुझे आप पर पूरा भरोसा है, मुझे अनमोल अंबानी से शादी करनी है। जो अनिल और टीना अंबानी का बेटा है। जानती हूं ये असंभव है। लेकिन, मुझे यकीन है, आपकी कृपा से ये संभव है। इसके लिए मैंने आपके एक करोड़ मंत्रजाप का भी संकल्प लिया है। सुना है, आप सबकी मनाेकामना पूरी करते हो, अब आपको मेरी इच्छा पूरी करनी ही होगी।
सृष्टि नाम की युवती ने आराध्य बांकेबिहारी को पत्र लिखा
ठाकुर बांकेबिहारी की लीला निराली है और उनके भक्तों की आस्था है कि असंभव काम को भी बांकेबिहारी मिनट में संभव कर देते हैं। यही कारण है सृष्टि नामक इस युवती ने आराध्य बांकेबिहारी को पत्र लिखकर अपना दर्द उनके सामने रखा है और अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए एक करोड़ मंत्रजाप का भी निर्णय लिया है।
ठाकुरजी के समाने पढ़ा पत्र
मंदिर सेवायत दिनेश गोस्वामी द्वारा ठाकुरजी के समक्ष पढे गए इस पत्र में सृष्टि लिखती है कि आपने गीता में कहा है व्यक्ति जो बनना चाहता है, बन सकता है। लेकिन, उसे निरंतर प्रयत्न और चिंतन करना होगा। मैं चिंतन तो आपके मंत्र जाप के जरिए कर रही हूं। मैं आपसे केवल इतनी ही उम्मीद करती हूं कि इस जन्म में मेरी शादी अनिल और टीना अंबानी के पुत्र अनमोल अंबानी से करवा दो। हे गोविंद, मैं कुछ गलत के लिए कह नहीं रही हूं। भगवान तो सबका भाग्य लिखते हैं, मैं तो अपने जीवन में अनमोल अंबानी का नाम लिखने की ही आपसे कह रही हूं। कैसे भी मेरी शादी अनमोल अंबानी से करवा हो। आप मेरे ऊपर कृपा करो।
इस तरह मिला पत्र
ठाकुर बांकेबिहारी के भक्त अक्सर अपनी बात ठाकुरजी से कहने के लिए पत्र भेजते रहते हैं। मंदिर कार्यालय में डाक से आने वाले इन पत्रों को मंदिर सेवाधिकारी को सौंप दिया जाता है। सेवाधिकारी भक्तों के इन पत्रों को ठाकुरजी के सामने पढ़कर सुनाते हैं।
इस पत्र को पढ़ने वाले मंदिर सेवायत दिनेश गोस्वामी ने बताया, उनकी सेवा के दिन ये पत्र आया था। जब उन्होंने ठाकुरजी के समक्ष इस पत्र को पढ़ा तो उन्हें भी आश्चर्य हुआ, कि भक्त इस तरह की जिद भी ठाकुरजी से करते हैं। हालांकि युवती ने अपना पता नहीं लिखा है।