Banke Bihari Temple: ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में दीपावली के बाद होगा बड़ा बदलाव, दर्शन करने वाले भक्त कर लें नोट
Banke Bihari Temple News - ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में दीपावली के बाद दर्शन समय के साथ ही भोग राग सेवा में बदलाव हो जाएगा। ठाकुरजी को अब भोग में गरिष्ठ पदार्थ अर्पित किए जाएंगे। इसके साथ ही पोशाक में बदलाव होगा और फूलों से भी अब ठाकुर जी को परहेज होगा।
By Vipin ParasharEdited By: Shivam YadavUpdated: Sat, 04 Nov 2023 10:39 PM (IST)
संवाद सहयोगी, वृंदावन। ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में दीपावली के बाद दर्शन समय के साथ ही भोग राग सेवा में बदलाव हो जाएगा। ठाकुरजी को अब भोग में गरिष्ठ पदार्थ अर्पित किए जाएंगे।
इसके साथ ही पोशाक में बदलाव होगा और फूलों से भी अब ठाकुर जी को परहेज होगा। ताकि सर्दी के मौसम में ठाकुरजी पर फूलों के पानी का असर न हो। दीपावली के बाद भाई दूज को ठाकुर जी के समय में बदलाव होगा। सुबह एक घंटे देर से मंदिर के पट खुलेंगे, तो शाम को एक घंटे पहले ही मंदिर के पट बंद हो जाएंगे।
गर्म कपड़े की पोशाक धारण करेंगे ठाकुरजी
ठाकुर बांके बिहारी मंदिर सेवायत श्रीनाथ गोस्वामी ने बताया, शरद ऋतु में ठाकुर के दर्शन समय के साथ भोग राग और पोशाक में भी बदलाव हो जाएगा। अब ठाकुर जी को हल्के गर्म कपड़े की पोशाक ही दीपावली के बाद से धारण कराई जाएगी।गर्म पोशाक के साथ ठाकुरजी को भोग में सूखे मेवा की मात्रा में बढ़ोतरी कर दी जाएगी और दूध, खीर में केसर की मात्रा बढ़ा दी जाएगी। दही के बने पदार्थों में कमी कर दी जाएगी।
फूलों से बनाई जाएगी दूरी
ठंडाई की जगह अब केसरयुक्त गर्म दूध ठाकुरजी को भोग में अर्पित होगा। ठाकुरजी को सर्दी से बचाव के लिए अब फूलों की माला की जगह मोती का हार पहनाया जाएगा। फूलों से अब ठाकुरजी को दूर रखा जाएगा। मंदिर में भी फूलों की सजावट पर प्रतिबंध हो जाएगा। अब उत्सवों पर कपड़े अथवा गुब्बारे से ही सजावट होगी।ये रहेगा दर्शन समय
ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में दीपावली के बाद भाई दूज से सुबह 8.45 बजे दर्शन खुलेंगे। जबकि वर्तमान में 7.45 बजे दर्शन खुल रहे हैं। इसी तरह दोपहर को 12 बजे के बजाय अब 1 बजे तक मंदिर के पट खुले रहेंगे।
शाम को 5.30 के बजाय एक घंटे पहले 4.30 बजे दर्शन खुल जाएंगे और रात को 9.30 की बजाय 8.30 बजे शयन भोग आरती के बाद मंदिर के पट बंद हो जाएंगे। दर्शन की ये समय सारिणी होली तक जारी रहेगी।यह भी पढ़ें: बेटी हो तो ऐसी- सपना पूरा करने के लिए छोड़ दी इंफोसिस की नौकरी, अमेरिका से लौटी और अपने कंधों पर ले ली जिम्मेदारी
यह भी पढ़ें: एक-दूसरे को खिलाई मिठाई, तब जाकर कहीं बात बन पाई; इस वजह से हो गई थी लड़ाई
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।